सीएमओ कार्यालय में अनियमितता पर कार्रवाई की जानकारी न देने पर कोर्ट सख्त

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया के सीएमओ कार्यालय में व्यापक अनियमितताओं की जांच की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर मांगी गयी जानकारी न देने पर तल्ख टिप्पणी की है। 

कोर्ट ने कहा है कि पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद जानकारी नहीं दी गयी। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इसे हल्के में ले रही है और याचिका का विरोध करने में रूचि नहीं है। फिर भी कोर्ट ने जानकारी देने के लिए दो हफ्ते का और समय दिया है और कहा है कि यदि मांगी गयी जानकारी नहीं दी गयी तो कोर्ट इसे गंभीरता से लेगी। याचिका की अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी। 
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने हरेन्द्र नाथ त्रिपाठी की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने बहस की। इनका कहना है कि याची ने सीएमओ कार्यालय में व्यापक अनियमितताओं की शिकायत जिलाधिकारी बलिया से की। जिस पर जांच कमेटी गठित की गयी। कमेटी की रिपोर्ट में शिकायत की पुष्टि करते हुए कार्यवाई की संस्तुति की है। बिना टेण्डर के एजेन्सियों को काम सौपने और भारी धनराशि का बंदरबांट किये जाने के आरोपों को सही पाया गया है। इसके बावजूद कोई कार्यवाई नहीं की जा रही है। जिस पर याचिका दाखिल की गयी है। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से इस सम्बंध में जानकारी मांगी थी। किन्तु कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है। जिस पर कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाया है।

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