सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ से 80 गांव प्रभावित

बाराबंकी(एजेंसी)। सरयू नदी इस वक्त अपने पूरे विकराल रुप में है, जिससे हजारों की आबादी प्रभावित है। ग्रामीणों का कहना है कि कई दशकों के बाद बाढ़ ने ऐसी तबाही मचायी है, कई सालों तक इससे उबरना नामुमकिन है। राज्य सरकार की ओर से यहां राशन पहुंचाया जा रहा है, मगर एक व्यक्ति के पेट भरने के सिवाय और भी जरुरते हैं। वर्तमान की व्यवस्था पर तो पानी फिरा ही है और भविष्य की योजना भी पानी में डुबकी लगा चुकी है। इसी कारण इसे लोग बाढ़ कम जल प्रलय ज्यादा मान रहे हैं।
बाराबंकी में लगातार होती भारी बारिश और नेपाल राष्ट्र से समय-समय पर लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सरयू नदी का जलस्तर अपने खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। क्या गांव, क्या घर,क्या सड़क और क्या खेत खलिहान सभी इस नदी के जद में आ चुके हैं। अपनी जान बचाने के लिए तहसील रामनगर,सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट गांव के ग्रामीण डर कर गांव छोड़ चुके हैं। साथ ही जो बचे हैं, उन्हें भी बाहर निकाला जा रहा है।
बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों ने बताया कि वह भी बंधे पर जाना चाहते हैं, मगर घर का सामान और उनके जानवर जब तक नहीं जाते तब तक उनका जाना सम्भव नहीं हो सकता। सरकारी सहायता के नाम पर कुछ दिन पूर्व उन्हें राशन सरकार की ओर से मिला है और कुछ नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी हो या नेता सभी बंधे तक आकर खानापूर्ति कर रहे हैं।
बाढ़ के पानी से 80 गांव प्रभावित
सरयू नदी के बढ़े जलस्तर से तीन तहसीलों की तराई में बाढ़ का पानी तबाही मचाए हुए है। इनमें रामनगर क्षेत्र के कोरियनपुरवा, तपेसिपाह, दुर्गापुर, लहड़रा मडना, हरिनारायणपुर, निजामुद्दीनपुर, मोतीपुरवा, मीतपुर, मथुरापुरवा, जंगुसिंहपुरवा तथा विकासखंड सूरतगंज क्षेत्र के हेतमापुर, कंचनापुर, लोहटी जेई, लोहटी पसई, सुंदरनगर, कोड़री, ललपुरवा, सरसंडा, कोयली पुरवा, पर्वतपुर मदरहा, गायघाट, बतनेरा और सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के टेपरा, सनावा, भाईका पुरवा, कहारनपुरवा, विहड़, सिरौलीगुंग, कोठीडीहा, परसा, ठेकवा, टटेरवा, घुटरू, सरदहा, बघौली पुरवा, सरायसुर्जन, भयरवकोल, गोबरहा, तेलवारी, इटहुआ, पासिन पुरवा, नव्वनपुरवा, पारा, परसावल, बेहटा समेत करीब 80 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। इन गांवों के ज्यादातर परिवार तटबंधों पर डेरा डाले हुए हैं।

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