संत मोरारी बापू ने संत प्रवरों के संग दाऊबाबा के समक्ष की क्षमा याचना
मथुरा (हि.स.)। देश के प्रख्यात कथा वाचक संत मोरारी बापू ने सोमवार दोपहर मथुरा जिले के बलदेव कस्बा स्थित दाऊजी महाराज मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने संत प्रवरों के साथ दाऊबाबा एवं माता रेवती की पूजा अर्चना करते हुए अपनी अशोभनीय टिप्पणी के लिए सार्वजनिक तौर से क्षमा याचना की। क्षमा याचना करने से बृज में मोरारी बापू के प्रति आक्रोश का पटापेक्ष हो गया है।
संत मोरारी बापू सोमवार प्रातः हवाई जहाज से आगरा आये वहां से सीधे वह रमणरेती आश्रम महावन पहुंचे। संत गुरू शरणानंद से भेंट करने के उपरान्त मोरारी बापू तथा आश्रम में मौजूद योग गुरू बाबा रामदेव के साथ दोपहर बल्देव पहुंचे। दाऊजी मंदिर में संत प्रवरों के स्वागत रिसीवर रामकटोर पाण्डेय ने किया। संत श्रीज्ञानानंद महाराज, बाबा रामदेव, गुरूशरणानंद जी के साथ दाऊबाबा एवं माता रेवती की प्रतिमा के चरण स्पर्श के दौरान मोरारी बापू ने पिछले दिनों प्रभू श्रीकृष्ण-बल्देव के प्रति की अशोभनीय टिप्पणी पर क्षमा याचना की।
अनौपचारिक बातचीत में बाबा रामदेव ने कहा कि संतो के साथ दर्शन करके अभिभूत है दर्शन से अलौकिक अनुभूति हुई है। मोरारी बापू ने कहा कि मैं दाऊजी बाबा के दर्शन कर धन्य हो गया। पुरूषोत्तम मास में इसका असीम पुण्य प्राप्त होता है। मोरारी बापू ने दर्शन के पश्चात दाऊजी बाबा की परिक्रमा भी लगाई।
अखिल भारत तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक, हिन्दू नेता गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि मोरारी बापू की क्षमा के साथ उनके बहिष्कार का विवाद आज समाप्त हो गया। विवाद समाप्ति पर मंदिर में मौजूद श्रीजी पीठाधीश्वर मनीष कृष्ण शास्त्री, भागवत कथा प्रवचक मृदुल कृष्ण शास्त्री, रमाकांत गोस्वामी ने प्रसन्नता व्यक्त की।
अ.भा.तीर्थ पुरोहित महासभा के उपाध्यक्ष नवीन नागर,संजय चतुर्वेदी मंत्री, विनोद चतुर्वेदी, के.के चतुर्वेदी ने कहा कि मोरारी बापू ने आज अपने किए पर क्षमा याचना कर एक बहुत बडे विवाद का अंत किया है। अब बृज में उनके बहिष्कार का निर्णय वापिस ले लिया गया है। इस दौरान दाऊजी मंदिर के एक कक्ष में सभी बिद्दतजनों की एकांत में मंत्रणा भी हई।