श्रीराम जन्मभूमि परिसर के आसपास एण्टी ड्रोन निषेधाज्ञा जारी

– सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन ने उठाया कड़ा कदम  
अयोध्या (हि.स.)। श्रीराम जन्मभूमि परिसर की संवेदनशीलता के मद्देनजर जिला प्रशासन ने परिसर व आसपास के क्षेत्र में एण्टी ड्रोन निषेधाज्ञा जारी कर दिया है। अब इस प्रतिबंधित क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति अथवा मीडियाकर्मी ड्रोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। 
 उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने सोमवार को बताया कि पुलिस उपमहानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने अवगत कराया है कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में शासन में आयोजित बैठक में विचार विमर्श के उपरांत श्रीराम जन्मभूमि परिसर अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था हेतु परिसर के आसपास एण्टी ड्रोन निषेधाज्ञा जारी करने की अपेक्षा की गई थी और कहा गया था कि वर्तमान में परिसर में मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है, जिस कारण परिसर की संवेदनशीलता और अधिक बढ़ गई है। 
 गौरतलब है ​कि कई न्यूज चैनल लगातार परिसर के अंदर हो रही गतिविधियों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करने का प्रयास किया करते रहते हैं। मीडिया द्वारा भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है और मीडिया की आड़ में शरारती तत्वों द्वारा भी श्रीराम जन्म भूमि में ड्रोन का इस्तेमाल कर किसी प्रकार की अप्रिय घटना को अंजाम दिया जा सकता है। इसी तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए श्रीराम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था हेतु परिसर के आसपास एण्टी ड्रोन निषेधाज्ञा जारी किए जाने का अनुरोध सुरक्षा व्यवस्था के तहत किया गया है।  
 दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 में विहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए लोक व्यवस्था, शांति व्यवस्था, कानून व्यवस्था, जन सुरक्षा एवं जन जीवन को सामान्य बनाए रखने की दृष्टि से श्री राम जन्मभूमि परिसर व परिसर के आसपास निषेधाज्ञा लगा दी गई है। किसी व्यक्ति, संगठन, संस्था आदि द्वारा सक्षम मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना ड्रोन, मानवरहित हवाई वाहन आदि ऐसे सादृश्य उड़ने वाले उपकरण जिनके माध्यम से शूटिंग, सर्वे एवं हथियारों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इन सभी चीजों का प्रयोग  पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाता है। यह प्रतिबंध पुलिस विभाग पर लागू नहीं होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो और यदि बीच में वापस न लिया गया तो 2 फरवरी 2021 तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश अथवा इसके किसी भी अंश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। 

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