शहर में एक बार फिर दिखा लॉकडाउन का असर, दुकानों के गिरे रहे शटर


– पुलिस की दिखी सख्ती और जगह-जगह हुई चेकिंग

– अनायास सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ की गयी कार्रवाई 

कानपुर(एजेंसी)। कोरोना संक्रमण काल में पूरे देश में अनलॉक जारी है और यूपी में कोरोना पॉजिटिव के मरीज बराबर बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने 55 घंटे का लॉकडाउन लगा दिया, जिसका असर शनिवार को सुबह से ही देखने को मिलने लगा। हालांकि सुबह लोग सड़कों पर निकले पर दोपहर होते-होते पुलिस की सख्ती बढ़ गयी और पुलिस ने अनायास सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। वहीं दूसरी ओर पहले से शासनादेश के मुताबिक व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे और उनकी दुकानों के शटर नहीं उठे।  

अनलॉक के फेज 1 और 2 में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है अगर कानपुर की बात करें तो यहां पर जून के बाद जुलाई ने जिस तरह से कोरोना कहर बरपा रहा है, उसकी वजह से लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं। इसी तरह पूरे प्रदेश में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं और प्रदेश सरकार इसी को देखते हुए शुक्रवार की रात 10 से 55 घंटे का एक बार फिर से पूरे प्रदेश में लॉकडाउन जारी कर दिया गया। इसका असर रात में तो कुछ खास नहीं दिखा पर शनिवार की सुबह से ही पुलिस तैयारी करने लगी। पुलिस ने शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर अभियान तेज किया और दोपहर होते-होते सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। सुबह कुछ लोग बेवजह के लिए निकले तो अलग-अलग जगहों पर तैनात पुलिस फोर्स ने उनकी खबर ली। बेवजह निकलने वालों पर सख्ती भी दिखाई गई। इसके अलावा लोगों के वाहनों के चालान भी काटे गए। चालान के भय से कई लोग बहाने भी बनाते रहे, लेकिन पुलिस के सख्त रूख के आगे उनकी एक नहीं चली। इसी तरह सुबह से की सुबह दुकानों के शटर नहीं खुले और सड़कों पर सन्नाटा रहा। जहां-जहां एक दो दुकाने खुली दिखाई दीं लेकिन उन्हें पुलिस ने बंद करा दीं। शनिवार के दिन खुलने वाली कपड़ा, सराफा आदि की दुकानों के शटर भी डाउन रहे। नयागंज बाजार तो पहले से ही 11 जुलाई तक बंद है, इसकी वजह से यहां भी सन्नाटा देखा गया। कुछ ऐसा हाल गल्ला मंडी में भी देखा गया।दिनोंदिन घातक साबित हो रहा है कोरोना
कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के सभी चरणों में कानपुर में कोरोना के मरीज आते रहें, पर अंतिम चरण में इसमें काफी कमी आने लगी थी। इसके बाद जैसे ही अनलॉक 1 लगा इसमें तेजी और अनलॉक 2 में तो दिनोंदिन कोरोना घातक साबित होने लगा। इन दिनों ऐसा शायद ही कोई दिन न रहता होगा जब कोरोना पॉजिटिव के मरीज 40 से नीचे न रहते हों और जुलाई माह में तो औसत लगभग 50 का है। इसी के चलते जुलाई में जिस तेजी से कोरोना के मरीजों में वृद्धि हो रही है, उससे प्रशासनिक अफसर, स्वास्थ्य विभाग से लेकर हर कोई चिंतित है। तमाम एहतियात की सीख देने के बावजूद लोग पूरी तरह से जागरूक नहीं हो रहे हैं।

error: Content is protected !!