वाराणसी: नाव हादसे में डूबे दो युवकों में से एक का शव बरामद
-एनडीआरएफ की टीम दूसरे युवक के शव की तलाश में गंगा में चला रही सर्च ऑपरेशन
-गंगा की तलहटी में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ उतरे गोताखोर
वाराणसी (हि.स.)। भेलूपुर थाना क्षेत्र के जानकीघाट के समीप नाव हादसे में डूबे दो युवकों में से एक विशाल सिंह (23) के शव को एनडीआरएफ टीम ने सोमवार दोपहर में घंटों परिश्रम के बाद गंगा से खोज निकाला। शव गंगा किनारे आते ही मृत युवक के परिजनों में कोहराम मच गया। गंगा में डूबे दूसरे युवक अभिषेक मौर्या के शव की तलाश में गोताखोर और एनडीआरएफ टीम लगातार सर्च अभियान चला रही है। खास नौका पर सवार एनडीआरएफ के जवान गंगा के गहरे पानी में लाइफ जैकेट पहन आक्सीजन सिलेंडर के साथ उतर गये हैं।
उधर, भेलूपुर पुलिस ने नाव चलाने वाले माझी मनोज साहनी को रात में ही हिरासत में ले लिया। हादसे को लेकर पुलिस अफसरों ने उससे देर तक पूछताछ की। माझी ने पुलिस अफसरों को बताया कि सभी लोग उसकी नाव से उस पार नहीं गये थे। उस पार से वह पांच छात्रों के दल को बैठाकर वापस आ रहा था। तो वहां मिले छह युवकों ने उससे तुलसीघाट ले चलने को कहा तो उसने नाव में बैठा लिया। तुलसी घाट के समीप छात्र सेल्फी लेने लगे। इसी दौरान डगमगाती नाव के एक तरफ झुंकते ही पानी भर गया और नाव पलट गई। नाविक ने बताया कि नौ लोगों को रात में ही बचा लिया गया।
हादसे में बचाये गये भोजूबीर निवासी बीएचयू के छात्र विशाल सोनकर ने बताया कि वह और उदय प्रताप पब्लिक कालेज में इंटर में साथ पढ़े चार अन्य दोस्त विशाल सिंह, अभिषेक मौर्या, सौम्या सिंह, सृष्टि सिंह पांच साल बाद मिले थे। सभी पार्टी करने गंगा उस पार गए थे। लक्ष्मणपुर, भोजूवीर निवासी विशाल सिंह पंजाब के फगवाड़ा की एलपीयू यूनिवर्सिटी से एमसीए कर था। अभिषेक चेन्नई से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया है और निजी कंपनी में काम करता था। उसके पिता प्रयागराज में कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक हैं। पूरा परिवार प्रयागराज से बनारस आ गया है। सौम्या, सृष्टि बीएड की छात्रा हैं।
विशाल सोनकर ने बताया कि पार्टी के बाद हम पांचों नाव में बैठ गये। इसके बाद नाविक ने छह अन्य युवकों को भी नाव में बैठा लिया। नाव तुलसीघाट के समीप पहुंची तो एक युवक अचानक सेल्फी लेने लगा। इसी दौरान असंतुलित नाव में पानी भरने लगा और वह डूब गई। छात्र विशाल सोनकर के अनुसार नाव पर सवार नौ लोगों को मल्लाहों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वहीं, विशाल सिंह और अभिषेक मौर्य गंगा में डूब गये। रात में ही डूबे युवकों के परिजनों को घटना की जानकारी हुई तो वे घाट पर पहुंच गये। पूरी रात परिजन बेटों के शव की तलाश में रोते बिलखते एनडीआरएफ के सर्च ऑपरेशन को देखते रहे। दोपहर में विशाल सिंह का शव मिलते ही परिजन बिलखने लगे।
-क्षमता से अधिक लोगों के बैठने पर नाव हादसाजानकीघाट पर रविवार की शाम हुई नौका दुर्घटना को लेकर सोशल मीडिया में भी लोग तीखी प्रतिक्रिया देते रहे। क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि नाव की क्षमता चार पांच लोगों की ही रही। लेकिन, नाविक ने 11 लोगों को बैठा लिया। अत्यधिक लोड और एक युवक के सेल्फी लेने से नाव एक तरफ झुक गई और उसमें पानी भी भर गया, जिससे नाव पलट गई।
हादसे में शुरू से अपनी गलती छिपाने के लिए नाविक नौ लोगों को बैठाने की बात कर रहा था। नाविक मनोज साहनी लगातार कहता रहा कि नाव पर बैठे सभी लोग बचा लिये गये। लेकिन घाट पर मौजूद दूसरे मल्लाहों और बचाये गये छात्रों से दो लोगों के डूबने की जानकारी हुई। हालांकि दुर्घटना में मनोज साहनी के साहस का परिचय देकर अकेले दम पर सात लोगों को गंगा से सकुशल बाहर निकाल लिया। लोगों का कहना था कि हादसे के बाद मनोज भाग जाता तो कई लोगों की डूबने से मौत हो जाती। लोगों ने गुस्सा जताते हुए कहा कि गंगा में नाविक बिना लाइफ जैकेट पहने नाव संचालन कर रहे है। और क्षमता से अधिक लोगों को बैठाकर खुलेआम दुर्घटना को दावत दे रहे है।