वाराणसी इमामबाड़े में मजलिस के आयोजन में व्यवधान न डालने का निर्देश

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के वक्फ इमामबाड़ा मस्जिद मीर इमाम अली मेहदी बेगम की याचिका पर कोविड 19 अनलाक 4 गाइडलाइन का पालन करते हुए मजलिस के आयोजन करने में अवरोध पैदा न करने का जिला प्रशासन को निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची से कहा है कि परिसर को सेनेटाइज कर मास्क पहनकर व सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए धार्मिक मजलिस आयोजित करे।

यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकान्त गुप्ता तथा न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। इमामबाड़ा वाराणसी के जियापुर, गोविन्द पुर कला, बंदीटोला में स्थित है। 
याची के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि 30 सितम्बर से 9 अक्तूबर दस दिन तक मजलिस का आयोजन होता रहा है। शिया वक्फ बोर्ड ने इस आयोजन की सुरक्षा के लिए 21 अगस्त 20 को पुलिस प्रशासन से मदद मांगी थी, ताकि मजलिस में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। कहा गया है कि पेन्डेमिक एक्ट के तहत बिना लिखित आदेश के मौखिक रूप से मजलिस के आयोजन को स्थानीय  प्रशासन द्वारा रोका जा रहा है। जबकि राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर सौ लोगों की अधिकतम संख्या के साथ किसी भी प्रकार के आयोजन करने की छूट दी है।
याची अधिवक्ता का कहना है कि मजलिस के आयोजन से रोका जाना संविधान के अनुच्छेद 19(1) व 25 के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। याची गाइडलाइन का पालन करते हुए मजलिस का आयोजन करना चाहता है। जिस पर कोर्ट ने जिला प्रशासन को मजलिस के आयोजन में व्यवधान न डालने का निर्देश दिया है।

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