राहुल की सलाह के बाद बीसीसीआई का बड़ा फैसला
इन खिलाड़ियों पर लगेगा दो साल का प्रतिबंध
खेल डेस्क
नई दिल्ली. बीते एक साल में भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी पकड़े गए हैं, जिन्होंने अपनी उम्र गलत बताकर बोर्ड और अपनी एसोसिएशन को धोखा दिया. अब बीसीसीआई ने इस पर बड़ा फैसला लिया है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सोमवार को कहा कि वह उन पंजीकृत खिलाड़ियों को सजा नहीं देगा जो आयु धोखाधड़ी की स्वैच्छिक घोषणा करेंगे लेकिन अगर किसी को ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर दो साल का बैन लगाया जाएगा. यह नियम 2020-2021 सत्र से बोर्ड के आयु वर्ग टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले सभी क्रिकेटरों पर लागू होंगे.
बीसीसीआई की प्रेस रिलीज के अनुसार, ’इस योजना के तहत जो खिलाड़ी स्वैच्छिक रूप से घोषणा करेंगे कि उन्होंने अतीत में जाली दस्तावेज देकर अपनी जन्मतिथि में बदलाव किया है उन्हें निलंबित नहीं किया जाएगा और अगर वे अपनी वास्तविक जन्मतिथि का खुलसा करते हैं तो उन्हें उचित आयु वर्ग में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी जाएगी.’ बोर्ड ने कहा, ’खिलाड़ी को बीसीसीआई के आयु सत्यापन विभाग को संबंधित दस्तावेजों के साथ हस्ताक्षर किया हुआ पत्र/ईमेल भेजना होगा.’ बीसीसीआई ने साथ ही साफ किया कि अगर खिलाड़ी इसे अभी स्वीकार नहीं करेंगे और बाद में उन्हें आयु धोखाधड़ी का दोषी पाया जाता है तो उन्हें सजा दी जाएगी. बोर्ड ने कहा, ’हालांकि अगर पंजीकृत (रजिस्टर्ड) खिलाड़ी तथ्यों का खुलासा नहीं करता है और बीसीसीआई को पता चलता है कि उसने फर्जी या जाली जन्मतिथि दस्तावेज जमा कराए हैं तो फिर उसे दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा और दो साल का निलंबन पूरा होने के बाद उन्हें बीसीसीआई के आयु वर्ग के टूर्नामेंट और साथ ही राज्य इकाइयों के आयु वर्ग टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी.’
मूल निवास से जुड़ी धोखाधड़ी पर भी होगी कड़ी सजा
बीसीसीआई ने साथ ही कहा कि मूल निवास से जुड़ी धोखाधड़ी करने वाले क्रिकेटरों को दो साल के लिए बैन किया जाएगा जिसमें सीनियर पुरुष और महिला खिलाड़ी भी शामिल हैं. स्वैच्छिक खुलासे की योजना मूल निवास धोखाधड़ी करने वालों पर लागू नहीं होगी. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख राहुल द्रविड़ ने आयु धोखाधड़ी के मुद्दे से कड़ाई से निपटने पर जोर दिया है. भारत में क्रिकेट की संचालन संस्था ने साथ ही कहा कि अंडर-16 आयु वर्ग टूर्नामेंट में सिर्फ 14 से 16 साल के बच्चों को हिस्सा लेने की इजाजत दी जाएगी. अंडर-19 आयु वर्ग में अगर खिलाड़ी की जन्मतिथि का पंजीकरण वास्तविक तिथि से दो साल से अधिक समय बाद पाया जाता है तो बीसीसीआई के अंडर-19 टूर्नामेंट में उसके प्रतिनिधित्व के वर्षों की संख्या सीमित की जाएगी. गांगुली ने कहा कि बोर्ड आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में खिलाड़ियों के प्रतिस्पर्धी प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है. आयु धोखाधड़ी की शिकायत के लिए बीसीसीआई की 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन है.