राष्ट्रपति 11 दिसम्बर को डिवाईन हार्ट हास्पिटल के नए परिसर की रखेंगी आधारशिला

लखनऊ(हि.स.)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 11 दिसम्बर को लखनऊ में डिवाइन हार्ट हास्पिटल के नए परिसर की आधारशिला रखेंगी और अस्पताल के अन्य निर्माण कार्यों का लोकार्पण करेंगी। इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु होंगे विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

डिवाइन समूह के मीडिया विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक कुमार श्रीवास्तव द्वारा स्थापित डिवाइन हर्ट फाउंडेशन इस वर्ष अपनी 27वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर 11 दिसम्बर को लखनऊ में कार्यक्रम रखा गया है।

इस बारे में डिवाइन समूह के संस्थापक और विश्व के प्रख्यात हृदय शल्य चिकित्सक डॉक्टर अशोक श्रीवास्तव अब तक 20000 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी और हृदय के अन्य सर्जरी कर चुके हैं। प्रो श्रीवास्तव बताते हैं कि सभी प्राणियों का जीवन हृदय स्पंदन पर निर्भर है। हृदय ही जीवन का वह केंद्र है जिसे विधाता ने अद्भुत ढंग से निर्मित किया है। यह न कभी थकता है और न रुकता है। इसमें आने वाली रुकावट ही चिकित्साजगत के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहती है। 71 वर्षीय प्रो अशोक श्रीवास्तव ने ओपन हार्ट सर्जरी में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रो श्रीवास्तव उस विशेष टीम का भी हिस्सा रहे हैं जिसने पहली बार भारत में कृत्रिम हार्ट वाल्व का निर्माण किया।

संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ,लखनऊ के हृदय रोग विभाग में लंबी सेवा के बाद उन्होंने समय से काफी पहले ही वहां से अवकाश लेकर बड़ी परिश्रम से लखनऊ के गोमतीनगर में हृदय चिकित्सा केंद्र का आरंभ किया। यह सोचने वाली बात है कि संसाधनों के अभाव में एक चिकित्सा शिक्षक होकर उन्होंने पहली अत्यंत सफल सर्जरी अपने आवास के बेसमेंट में एक अस्थाई ऑपरेशन थियेटर बना कर किया। उनके इस आवास या कहें कि हृदय रोग चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन तत्कालीन राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने किया था। उसके बाद प्रो. श्रीवास्तव ने अथक परिश्रम से डिवाइन अस्पताल की नींव डाली और उसे पूरा किया जिसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई जैसी विभूतियों के हाथों संपन्न हुआ। प्रो अशोक कुमार श्रीवास्तव मूलतः गाजीपुर जिले के अगस्ता गांव के रहने वाले हैं। हृदय चिकित्सा में उनका नाम दुनिया के चुनिंदा चिकित्सकों में शुमार है।

बृजनन्दन/पदुम नारायण

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