Monday, November 17, 2025
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रक्षा मंत्री ने स्वदेश निर्मित भारतीय तटरक्षक पोत ‘विग्रह’ राष्ट्र को सौंपा

– तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर का प्रशासनिक नियंत्रण होगा गश्ती जहाज पर

– कमीशन किया गया जहाज विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में तैनात किया जाएगा

नई दिल्ली (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का जहाज ”विग्रह” राष्ट्र को समर्पित कर दिया। चेन्नई में कमीशन किया गया यह जहाज विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में तैनात होगा। पूर्वी समुद्र तट पर संचालित इस जहाज पर तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर का प्रशासनिक नियंत्रण होगा। यह अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) की श्रृंखला का सातवां जहाज है।

आईसीजी के 98 मीटर लम्बे इस अपतटीय गश्ती जहाज को लार्सन एंड टुब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है। जहाज में उन्नत प्रौद्योगिकी राडार, नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी लगाई गई है, जो उष्णकटिबंधीय समुद्री परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है। यह पोत 40/60 बोफोर्स तोप से भी लैस है और अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन से सुसज्जित है।

जहाज पर एकीकृत पुल प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित बिजली प्रबंधन प्रणाली और उच्च शक्ति बाहरी अग्निशमन प्रणाली भी लगाई गई है। जहाज को बोर्डिंग ऑपरेशन, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त के लिए एक जुड़वां इंजन वाले हेलीकॉप्टर और चार उच्च गति वाली नौकाओं को ले जाने के लिए भी डिजाइन किया गया है। यह जहाज समुद्र में तेल रिसाव को रोकने के लिए प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है। यह जहाज लगभग 2,200 टन वजन के साथ दो 9100 किलोवाट डीजल इंजनों से संचालित किया जाता है, जिससे 26 समुद्री मील प्रति घंटे की अधिकतम गति से 5000 नॉटिकल माइल तक दूरी तय कर सकता है।

तटरक्षक पूर्वी बेड़े में शामिल होने पर जहाज को ईईजेड निगरानी और देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए तटरक्षक चार्टर में निहित अन्य कर्तव्यों के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किया जाएगा। इस जहाज के बेड़े में शामिल होने के साथ भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के पास 157 जहाज और 66 विमान हो गए हैं। कमीशनिंग समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ गण्यमान्य व्यक्ति भी शामिल रहे।

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