योग के लिए वीरेंद्र सिंह का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
अभिषेक गुप्ता
बलरामपुर। पांचवी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पखवाड़ा पर आयोजित कार्यक्रम में 65 वर्ष की उम्र में वीरेंद्र सिंह ने शंखप्रक्षालन क्रिया का प्रदर्शन कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। श्री मणिराम छावनी के पीठाधीश्वर महंत श्री पूज्य नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत श्री कमल नयन दास शास्त्री जी ने मेडल पहनाकर डाक से प्राप्त हुआ प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
योग गुरु वीरेंद्र सिंह ने शंख प्रक्षालन के संदर्भ में कहा कि शंख प्रज्ञालन को वारिसार क्रिया भी कहते हैं। शंख प्रक्षालन दो शब्दों का बना हुआ है। शंख प्रयोग आंतों के लिए किया जाता हैं, क्योंकि आंतों में भी शंख के भीतरी भाग के समान जटिल होती है। शंख प्रज्ञालन एक क्लीनिंग योगाभ्यास है। विभिन्न प्रकार से टॅकिशन विषैले पदार्थ एवं अन्य बेकार तथ्य से आपके शरीर को बचाता है। योग गुरु वीरेंद्र सिंह ने 28 जून 2019 को बलरामपुर सीएमओ ऑफिस कैंपस में सीएमओ डा.घनश्याम सिंह, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ दिग्विजय नाथ अन्य डाक्टर तथा नान मेडिकल स्टाफ के समक्ष संख प्रज्ञालान क्रिया का प्रदर्शन किया था। जिसमें 5 लीटर हल्का गर्म नमकीन पानी पीकर 50 मिनट के भीतर हाथों की सफाई करते हुए गुदाद्वार द्वारा पानी बाहर निकाल दिया। इस शंख प्रज्ञालन क्रिया की मुख्य विशेषता है कि इस क्रिया में किसी भी योगासनों का प्रयोग नहीं किया जाता है। जबकि अभी तक प्रचलित संख प्रज्ञालन क्रिया के लिए 5 आसन करने अनिवार्य होते हैं। शंख प्रज्ञालन क्रिया को करके व्यक्ति चुस्त दुरुस्त रख सकता है। योग गुरु वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगला लक्ष्य यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना है। उन्होंने अपना प्रविष्ठियां यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भेज दी हैं। इस कामयाबी के लिए पूर्व मंत्री हनुमंत सिंह, सीएमओ डॉ घनश्याम सिंह, डॉ दिग्विजय नाथ, डॉ ए के सिंघल, पूर्व सभासद कमलेश प्रताप सिंह, बैंक यूनियन नेता डीपी शर्मा, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस, एडवोकेट जयप्रकाश सिंह आदि ने बधाई दी।