यहां एके-47 के बदले मिल रही एक जोड़ी गाय
इंटरनेशनल डेस्क
अबूजा। नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिमी जमफारा प्रांत आत्म समर्पण करने वाले डकैतों को हर एक एके-47 राइफल के बदले दो गायें देने जा रहा है। जमफारा के गवर्नर बेलो मटावाल्ले ने कहा है कि अपराध की जिंदगी छोड़कर एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर आम जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करने का यह सरकार का एक प्रयास है। मोटर साइकिल सवार डकैतों ने इस प्रांत को आतंकित कर रखा है।
यहां का फुलानी चरवाहा समुदाय गायों को बहुत कीमती मानता है और उन पर इन हमलों के पीछे होने का आरोप लगता रहा है। हालांकि, इस समुदाय के लोग इन सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं और उनका कहना है कि वे खुद पीड़ित हैं। बीबीसी के मंसूर अबू बकर बताते हैं कि उत्तरी नाइजीरिया में औसतन एक गाय की कीमत एक लाख नायरा (260 डॉलर) होती है जबकि काला बाजारी में एक एके-47 राइफल की कीमत पांच लाख नायरा (1,200 डॉलर) पड़ती है। किस तरह के हैं ये लुटेरे? गवर्नर मटावाल्ले ने एक बयान में कहा, “पश्चाताप करने वाले इन डकैतों ने पहले अपनी गायों के बदले बंदूकें खरीदीं लेकिन अब ये अपराध से मुक्त होना चाहते हैं। हम उनसे अपील कर रहे हैं कि हमें एके-47 राइफल लाकर दो और बदले में दो गायें ले जाओ। हमें उम्मीद है कि ये योजना उनको सशक्त और प्रोत्साहित करेगी।“
ये हमलावर घने जंगलों से अपना नेटवर्क चलाते हैं और पड़ोस के राज्यों में लूटमार करते हैं। ये अक्सर दुकानें, जानवर, अनाज लूटते हैं और फिरौती के लिए लोगों को बंधक बनाते हैं। जमफारा में हाल ही में हुए एक हमले में हथियारबंद डकैतों ने टलाटा मफारा में 21 लोगों को मार दिया था। अंतरराष्ट्रीय संकट समूह के अनुसार, पिछले दशक में केब्बी, सोकोट, जमफारा और पड़ोसी देश नीजेर में 8,000 से अधिक लोग मारे गए थे। इन हमलों के पीछे संसाधनों को लेकर दशकों तक चली प्रतिद्वंद्विता है जो जातीय फुलानी चरवाहे समूह और किसान समुदायों के बीच है। जमफारा के अधिकतर नागरिक किसान हैं और राज्य का आदर्श-वाक्य भी ’कृषि हमारा गौरव है।’ गवर्नर ने यह भी वादा किया है कि वो जंगल से लूटमारी करने वाले डकैतों के कैंप को भी हटा देंगे।