मेडिकल कॉलेज में बदल गई कोरोना मरीज की लाश, एक के परिजनों ने कर दिया अंतिम संस्कार

मेरठ, 06 सितम्बर (हि.स.)। कोविड महामारी के दौरान मेरठ जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। मेडिकल कॉलेज में दो कोरोना मरीजों के शव आपस में बदल गए। महामारी की दहशत में आए मेरठ निवासी मरीज के परिजनों ने तो बिना चेहरा देखे शव का अंतिम संस्कार भी कर डाला। जब गाजियाबाद निवासी परिजनों ने अपने मरीज का चेहरा देखा तो उनके होश उड़ गए। मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम अनिल ढींगरा ने पूरे प्रकरण में जांच बैठा दी है। 
 गाजियाबाद जनपद के मोदीनगर निवासी गुरुवचन को पैरालाइसिस के चलते तीन सितम्बर को मेरठ मेडिकल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उनकी कोरोना जांच पॉजिटिव आई थी। उधर कोरोना से पीड़ित मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के फाजलपुर निवासी यशपाल को भी चार सितम्बर को मेडिकल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था। बताया जाता है कि शनिवार को यशपाल और गुरुवचन दोनों की ही मौत हो गई। जिसके बाद मेडिकल के डॉक्टरों ने औपचारिकताएं पूरी करते हुए दोनों के शव उनके परिजनों के हवाले कर दिए। कंकरखेड़ा निवासी यशपाल के परिजनों ने बिना चेहरा देखे उनके शव का शनिवार की देर रात अंतिम संस्कार भी कर दिया।
 उधर मोदीनगर निवासी गुरुवचन के परिजन शव को लेकर श्मशान घाट में पहुंचे। परिजनों ने जैसे ही अंतिम दर्शन के लिए शव के चेहरे पर ढका कफन हटाया तो उनके होश उड़ गए। शव गुरुवचन का था ही नहीं जिसके बाद सकते में आए गुरुवचन के परिजनों ने मामले की शिकायत मेरठ मेडिकल कॉलेज में की तो मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के भी होश उड़ गए। पूरे प्रकरण की जांच कराई गई तो पता चला कि गुरुवचन और यशपाल के शव आपस में बदल गए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में सख्त तेवर अपना लिए हैं। डीएम अनिल ढींगरा ने पूरे प्रकरण में एडीएम सिटी और सीएमओ के नेतृत्व में जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया है। 

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