मेट्रो रुट के आस-पास की आबादी का अक्टूबर माह से शुरु होगा सर्वे
कानपुर (हि.स.)। कानपुर महानगर में मेट्रो का कार्य तेजी से जारी है और लोगों को उम्मीद है कि पहले फेज के तहत नवम्बर 2021 तक मेट्रो का लुत्फ उठा सकेगें। वहीं मेट्रो कॉर्पोरेशन इस बात की भी जानकारी करना चाहता है कि मेट्रो निर्माण के समय दोनों कॉरिडोर के आस-पास की रहने वाली आबादी को किस प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही मेट्रो के चलने पर इस आबादी में किस तरह सामाजिक प्रभाव पड़ेगा। इसके लिए भारत सरकार के उपक्रम राइट्स लि. से आबादी का सर्वे कराया जाएगा और अक्टूबर माह से इसकी शुरुआत होगी।
कानपुर मेट्रो परियोजना के अंतर्गत दो मेट्रो कॉरिडोर्स का निर्माण किया जाना है। कॉरिडोर-1 में आईआईटी से नौबस्ता के बीच और कॉरिडोर-2 में चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से लेकर बर्रा-8 तक निर्माण कार्य किया जाना है। वर्तमान में कॉरिडोर-1 के अंतर्गत आईआईटी से मोतीझील के बीच प्रयॉरिटी कॉरिडोर (प्राथमिक सेक्शन) का निर्माण कार्य जारी है और इसे पूरा करने की अनुमानित समय-सीमा नवंबर, 2021 निर्धारित की गई है। वहीं उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) का प्रतिनिधित्व करते हुए राइट्स लि. (भारत सरकार का उपक्रम) एक विशेष सर्वे कराने जा रहा है, जिसकी शुरुआत आगामी अक्टूबर माह के मध्य से होगी। इस सर्वे के अंतर्गत प्रस्तावित कॉरिडोर्स के आस-पास रहने वाली आबादी हेतु सामाजिक प्रभाव आकलन किया जाएगा यानी उनकी दिनचर्या, आर्थिक-सामाजिक स्थिति, व्यवसाय और आय के साधन इत्यादि से संबंधित विस्तृत डेटा इकट्ठा किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी सर्वे में शामिल होगा कि कॉरिडोर बनने के दौरान लोगों को किस प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यही नहीं आम जनता के साथ-साथ सर्वेक्षण टीम विभिन्न हितधारकों जैसे कि सरकारी विभागों, रेजिडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों, व्यापार यूनियनों, बाजार के प्रतिनिधियों, शैक्षणिक संस्थानों, गैर-लाभकारी/सरकारी संगठनों इत्यादि से संपर्क कर विभिन्न सामाजिक पहलुओं से संबंधित डेटा एकत्रित करेगी, जिसके फलस्वरूप यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानपुर शहर में बन रही मेट्रो परियोजना से आम जनता का सामाजिक स्तर पर अधिक से अधिक लाभ हो।