मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर राज्यपाल आंनदीबेन को पुस्तक की भेंट
-प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर राज्यपाल ने 81 श्रमिकों को थाली का सेट किया भेंट
-राजभवन के अधिकारियों ने 71 क्षय रोग ग्रसित बच्चे लिए गोद
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल आंनदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ पुस्तक भेंट की।
वहीं राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के 71वें जन्मदिन के अवसर पर राजभवन में आयोजित एक समारोह में प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2020 में राजभवन उद्यान द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त करने में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 81 श्रमिकों को प्रोत्साहन स्वरूप 6 थालियों का एक-एक सेट भेंट किया। इस पर कुल 1,21,500 रुपये व्यय धनराशि का वहन राजभवन द्वारा किया गया।
इसके अलावा उन्होंने राजभवन उद्यान के 18 श्रमिकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा जीवन बीमा योजना के अन्तर्गत बीमा कराकर उन्हें प्रमाण-पत्र दिया, जिसमें श्यामलली, रामकली, जग्गो, कृष्णावती, प्रभुदेई, मालती, रामकली उर्फ सीमा, धनीराम, राजू, विशन, रमेश कुमार यादव, अर्जुन यादव, लक्ष्मी, रोहित यादव, अरुण कुमार वर्मा, रुपेश, रंजीत सिंह तथा कल्लू राजपूत शामिल रहे। बीमा की कुल धनराशि 4,506 रुपये का भुगतान भी राजभवन द्वारा वहन किया गया है। उन्होंने इन श्रमिकों को आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत हेल्थ गोल्डेन कार्ड की व्यवस्था किए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस दौरान राज्यपाल ने श्रमिकों से कहा कि थाली का जो सेट उन्हें दिया गया है, उसका प्रयोग वे स्वयं अपने परिवार के खाने के लिए ही करेंगे न कि किसी अन्य व्यक्ति को उपहार में भेंट करेंगे। उन्होंने कहा कि उद्यान के श्रमिकों द्वारा प्रदर्शनी में अथक परिश्रम किये जाने के परिणामस्वरूप ही विभिन्न श्रेणियों में राजभवन उद्यान को कुल 112 पुरस्कार प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में सर्वाधिक पुरस्कार प्राप्त होने के कारण ही प्रदर्शनी की सर्वश्रेष्ठ ट्राफी राजभवन उद्यान को प्राप्त हुई, जो सभी के लिए गौरव की बात है।
राज्य विश्वविद्यालयों ने 7,100 से अधिक पीपल के पौधे किए रोपित
आज ही राज्यपाल की प्रेरणा से प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर राजभवन के अधिकारियों द्वारा क्षय रोग से पीड़ित 71 बच्चों को गोद लिया गया तथा प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा पर्यावरण सुधार की दृष्टि से 7,100 से अधिक पीपल के वृक्ष रोपित किये गये।