माँ श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी प्रकरण का मुकदमा खारिज कराने पर तुले हैं विष्णु जैन: विसेन
वाराणसी (हि.स.)। माँ श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में मुकदमा को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के बीच मनमुटाव जारी है। मुकदमें में मंगलवार को सुनवाई के पूर्व सनात्तन संघ के प्रमुख जितेन्द्र सिंह विसेन ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के खिलाफ मोर्चा खोल उनपर गंभीर आरोप लगाया। जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जैन उनके मुकदमें को खारिज कराने पर तुले हुए हैं।
आरोप लगाया कि अधिवक्ता विष्णु जैन इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के एक लाइफ टाइम मेंबर से जुड़े हैं। वह पूरी तरह से उसके प्रभाव में हैं। उस व्यक्ति का नाम तो नहीं बताऊंगा, लेकिन उनकी मेंबरशिप संख्या 1289 है। वह व्यक्ति पूरी तरह से विष्णु शंकर जैन को अपनी कठपुतली बना रखा है।
विसेन ने कहा कि इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर ने ज्ञानवापी प्रकरण को हाईजैक कर लिया है। सेंटर की संरक्षक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर किसी भी तरह से हिंदुओं का हितैषी नहीं है। वह लगातार चाह रहा है कि ज्ञानवापी प्रकरण तूल पकड़े और देश में अशांति फैले।
जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने 26 मई 2022 को मां श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादी पक्ष की मंजू व्यास, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक के हस्ताक्षर से कोर्ट में वकालतनामा प्रस्तुत किया। उसमें मां श्रृंगार गौरी प्रकरण की वादी राखी सिंह नहीं शामिल थीं। उससे पहले उन्होंने कभी वकालतनामा नहीं दाखिल किया था। विसेन ने कहा कि विष्णु जैन ने वकालतनामा तब लगाया जब वह सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता हैं। जो स्टेट का अधिवक्ता होता है वह उसी के खिलाफ मुकदमे में अपना वकालतनामा नहीं दाखिल कर सकता है।
विसेन ने कहा कि इसी आधार पर मुस्लिम पक्ष हमारे दावे और तर्कों को खारिज करा देगा। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन साजिश रच कर हमारा दावा खत्म कराने पर तुले हुए हैं। जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि आज ही वह जिला जज की अदालत में अर्जी देंगे। हम अदालत को बताएंगे कि विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट में स्टेट के काउंसिल हैं। ऐसे में वह स्टेट के खिलाफ दर्ज मुकदमे में ही वकालतनामा कैसे दाखिल कर सकते हैं।
श्रीधर