भारत ​का ​जमीन नहीं, दिल जीतने में विश्वास​: राजनाथ​​​​

– ​स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्री​ ने ​सशस्त्र बलों को दिया सन्देश  ​   ​​​​​​

– ​​हमला करने वाले दुश्मन देश​​ को ​हर बार की तरह​ मिलेगा ​मुंहतोड़ जवाब

नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने दूसरे देश की जमीन पर कब्जा करने के लिए आज तक कहीं भी और कभी भी हमला नहीं किया है। ​​भारत जमीन नहीं दिल जीतने में विश्वास रखता है। परंतु इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान के ऊपर आंच आने देंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा के दायरे में रहकर हम हमेशा आत्मरक्षा के लिए इंतजाम करते हैं, दूसरों पर हमला करने के लिए नहीं लेकिन अगर ​​दुश्मन देश ने कभी हमारे ऊपर ​​आक्रमण किया तो ​​हर बार की तरह हम उसे ​​मुंहतोड़ जवाब ​​देना भी जानते हैं। आज देश को भरोसा है कि आपके तैनात रहते कोई भी ताकत हमारी एक इंच भूमि पर कब्जा नहीं कर सकती। यदि किसी ने यह दुस्साहस किया तो उसे उसके भारी परिणाम भुगतने पड़े हैं और आगे भी भुगतने पड़ेंगे। ​​​
​​स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय ​​सशस्त्र बलों को आकाशवाणी से संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस को लाल किला की प्राचीर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के गठन की ऐतिहासिक घोषणा की थी। सीडीएस के गठन से सेनाओं के बीच और बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया है, जिसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हुए 20 सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नहीं सकता। मैं उनके परिवारों को भरोसा देना चाहता हूं कि वे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है।  हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं। सरकार अपने सैनिकों का मनोबल ऊंचा बनाये रखने और सभी जरूरतें पूरी करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। हमारे सशस्त्र बलों ने समय-समय पर देश में किसी भी तरह की आपदा के समय निर्णायक भूमिका निभाई है।
भारतीय वायुसेना को मजबूत किये जाने के बावत उन्होंने कहा कि लम्बे समय से भारतीय वायुसेना में नए आधुनिक लडाकू विमानों की कमी महसूस की जा रही थी। इसलिए फ्रांस की सरकार के साथ करार करके 36 राफेल यथाशीघ्र मंगाने का काम शुरू किया। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। दो सप्ताह पहले पांच राफेल विमान अम्बाला एयर बेस पर पहुंचे हैं और बाकी भी शीघ्र ही आने वाले हैं। वायु सेना स्टेशन, सलूर की 18वीं स्क्वाड्रन को एलसीए तेजस के दूसरे बेड़े के लिये मई 2020 में तैयार किया गया है। यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक बड़ा कदम है। साथ ही वायु सेना की क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए 21 मिग-29 विमान खरीदने की भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा तमिलनाडु के तंजावुर में सुखोई एमकेआई का 222 स्क्वाड्रन खड़ा किया गया है जो ब्रह्मोस मिसाइल से सुसज्जित है। इससे हिन्द महासागर में हमें रणनीतिक गहराई मिलती है।   
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट काल में सशस्त्र बलों के सेवा कार्य ने हमें गर्व से भर दिया है। डीआरडीओ ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सशस्त्र बलों और उद्योग समूहों के साथ मिलकर नई दिल्ली में सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल 12 दिन के रिकॉर्ड समय में बनाया है। तीनों सेनाओं और रक्षा मंत्रालय की अन्य स्वायत्त इकाइयां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रारम्भ से ही सक्रिय रही हैं। सीमा सड़क संगठन के कर्मी भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने अत्यंत दुर्गम परिस्थितियों में भी कैलाश-मानसरोवर यात्रा और सीमा क्षेत्र कनेक्टिविटी स्थापित कर नए युग की शुरुआत की है। पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनके जन्मदिन पर रोहतांग सुरंग का नाम ‘अटल सुरंग’ कर दिया गया। इस 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग के सितंबर 2020 तक पूरी होने की संभावना है। इसके बनने से मनाली और लेह के बीच सड़क मार्ग की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और लाहौल एवं स्पीति के बीच बारह महीने सड़क मार्ग खुला रहेगा। 
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं का सशक्तिकरण पिछले पांच वर्षों में एक प्रमुख फोकस रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं के स्थायी कमीशन का हमेशा समर्थन किया है और 2018 के अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान उन्होंने इसकी घोषणा भी की थी। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए मंजूरी 23 जुलाई को दे दी है, जिससे महिला अधिकारियों को अधिकार संपन्न बनाने का रास्ता साफ हो गया है। 

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