भारत की आपत्ति को पाक ने किया दरकिनार

चीन की मदद से पाक के सबसे बड़े डैम का निर्माण प्रारम्भ

इंटरनेशनल डेस्क

इस्लामाबाद। भारत की आपत्ति के बावजूद अवैध कब्जे वाले हिस्से पर पाकिस्तान ने चीन की मदद से डायमर भाषा बांध निर्माण शुरू कर दिया है। गिलगित बाल्टिस्तान में डायमर-भाषा बांध परियोजना पर बुधवार को निर्माण कार्य शुरू किए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान किया कि “यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा बांध है।” भारत ने सिंधु नदी पर बांध बनाने को लेकर हुए समझौत पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में ऐसी परियोजनाएं शुरू करना ठीक नहीं है।
पीएम इमरान खान ने गिलगित बाल्टिस्तान के चिलास में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, इस परियोजना से 4500 मेगावॉट हाइड्रो पावर बिजली पैदा होगी और कम से कम 16 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से न सिर्फ देश की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था की हालत ठीक होगी बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर होगा। इस बांध के निर्माण का ठेका संयुक्त उपक्रम के तौर पर पावर चाइना और पाकिस्तानी आर्मी के फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) को दिया गया था। सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा और आईएसआई चीफ जनरल फैज के साथ बुधवार को बांध के साइट का निरीक्षण करने के बाद इमरान खान ने बांध के निर्माण के लिए चीन के साझेदारी की तारीफ की।
इससे पहले, पाकिस्तानी पीएम के स्पेशल अस्टिस्टेंट ऑन इन्फॉर्मेशन जनरल असीम सलीम बाजवा ने कहा था कि इस बांध से देश के 12 लाख एकड़ कृषि भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी। चीन ने बांध निर्माण को लेकर भारत की आपत्त्ति को खारिज करते हुए कहा था कि पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक सहयोग का लक्ष्य विकास को प्रोत्साहित करना और स्थानीय आबादी की खुशहाली है। अपनी नियमित ब्रीफिंग के दौरान मई में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने कहा था कि बांध परियोजना दो सदाबहार दोस्त और सामरिक सहयोग साझीदारों के बीच आपसी फायदे के लिए है। गौरतलब है कि इस बांध का बजट 1406 अरब पाकिस्तानी रुपये है। चीन और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के मुताबिक, इस परियोजना को 2028 तक पूरा किया जाना है।

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