ब्राह्मण किसी भी कीमत पर दोबारा बसपा के छलावे और बहकावे में नहीं आने वाला :अभिषेक मिश्रा
लखनऊ (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी के विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों के बीच पैठ बनाने की कोशिश के बीच पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने उस पर कटाक्ष किया है।
समाजवादी पार्टी के नेता अभिषेक मिश्रा ने बुधवार को कहा कि बसपा को एक बार फिर से ब्राह्मण याद आ रहा है। जब पांच साल उनकी सरकार चली तब इनको ब्राह्मण की याद नहीं आई। कुछ समय पहले जब समाजवादी पार्टी ने घोषणा की थी कि वह दुनिया की सबसे ऊंची भगवान परशुराम की प्रतिमा लगवाएगी, तो बसपा ने कहा कि जब उनकी सरकार आएगी तब उसके बाद वह परशुराम प्रतिमा लगाएंगे, जबकि अपनी प्रतिमा वह आज लगवा रहे हैं। अभिषेक मिश्रा ने कहा कि अब किसी भी कीमत पर ब्राह्मण दोबारा बसपा के इस तरह के छलावे और बहकावे में नहीं आने वाला है।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने देखा था कि किस तरह से बसपा सरकार में एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हुआ। कोई थाना ऐसा नहीं बचा था जहां बड़ी मात्रा में एससी-एसटी एक्ट के गलत मुकदमे नहीं लिखे गए हों और ब्राह्मणों को दबाने व परेशान करने का काम ना किया गया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण अब दोबारा फर्जी एसटी-एक्ट के मुकदमे लिखवाने के लिए तैयार नहीं हैं और किसी भी कीमत पर बसपा को समर्थन नहीं करेंगे।
दरअसल प्रदेश में पिछले कुछ समय से ब्राह्मण कार्ड को लेकर जमकर सियासत हो रही है। समाजवादी पार्टी द्वारा लखनऊ में भगवान श्री परशुराम की 108 फीट मूर्ति लगवाने की बात पर मायावती इससे पहले पार्टी पर हमला बोल चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि यदि सपा सरकार को परशुराम की प्रतिमा लगानी ही थी तो अपने शासन काल के दौरान ही लगा देते। चुनाव के नजदीक आने पर मूर्ति लगाने की बात कही जा रही है। उन्होंने कहा कि बसपा किसी भी मामले में सपा की तरह कहती नहीं है, कर के भी दिखाती है। बसपा की सरकार बनने पर सपा की तुलना में परशुराम जी की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी।
पार्टी ब्राह्मणों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश में लगी हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में नवरात्र से तेजी से इस अभियान को गति दी जाएगी। इसको लेकर पिछले दो महीने से जिलावार बैठकों का सिलसिला जारी है।
पार्टी सुप्रीमो मायावती पिछले दिनों कई वरिष्ठ ब्राह्मण नेताओं को मंडल स्तरीय संगठन में शामिल कर चुकी हैं। वहीं उनके निर्देश पर सतीश चंद्र मिश्र इसके बाद से जिलावार ब्राह्मण समाज के लोगों को लखनऊ स्थित अपने आवास पर बुलाकर बैठकें कर रहे हैं। प्रतिदिन एक से दो जिलों की बैठकें हो रही हैं। नवरात्र से पहले इन बैठकों का सिलसिला पूरा कर लेने की योजना है।
इसके बाद सतीश मिश्र के नेतृत्व में जिलेवार बैठकों व सम्मेलनों का सिलसिला शुरू होगा। सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में बार काउंसिल ऑफ यूपी के पूर्व चेयरमैन परेश मिश्र, पूर्व मंत्री अनंत मिश्र, नकुल दुबे व रंगनाथ मिश्र सहित कई चर्चित नाम इस टीम में शामिल हैं। इससे पहले मायावती प्रदेश में ब्राह्मणों से सम्बन्धित अति गम्भीर व अति संवेदनशील घटना पर सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधित्व मंडल को पीड़ित परिवार से घटनास्थल पर जाकर मुलाकात करने के लिए अधिकृत कर चुकी हैं।
सपा, बसपा के इस ब्राह्मण प्रेम पर भाजपा की ओर से भी लगातार हमला जारी है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी दोनों पार्टियों के ब्राह्मण प्रेम को दिखावा करार कर चुके हैं।