बौद्ध सर्किट भ्रमण को दक्षिणी कोरियाई पर्यटक उत्सुक, ट्रैवल्स मालिकानों ने किया दौरा
कुशीनगर (हि.स.)। भारतीय बौद्ध सर्किट में अक्टूबर से शुरू होकर मार्च तक चलने वाले पर्यटन सीजन के दौरान दक्षिणी कोरियाई पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। बड़ी संख्या में पर्यटक बौद्ध सर्किट में तीर्थाटन के लिए भारत आने को उत्सुक हैं।
शनिवार को कोरियाई टूर ट्रैवेल आपरेटर कम्पनियों के 28 सदस्यीय अधिकारियों ने कुशीनगर का दौरा किया। दल ने होटल, बौद्ध विहार, प्राचीन धरोहर, मन्दिर, स्तूप आदि देखा। 10 दिवसीय दौरे पर आया दल दल सारनाथ, बोधगया, वैशाली, राजगीर आदि प्रमुख स्थलों का भी दौरा कर माहौल का अध्ययन करेगा।
शाम को द. कोरियाई दल ने महापरिनिर्वाण मन्दिर में बुद्ध की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा के समक्ष विशेष पूजा वंदना की। कोविड काल के बाद कुशीनगर में किसी बड़े कोरियाई दल का यह पहला दौरा है। एक होटल में रुके दल के सदस्य सबसे पहले महापरिनिर्वाण मन्दिर पहुंचे। मन्दिर में विशेष पूजा के बाद दल ने संयुक्त रूप से प्रतिमा पर चीवर अर्पित किया। विशेष पूजा के दौरान दल ने विश्व शांति व खुशहाली की कामना की।
कुशीनगर भिक्षु संघ के अध्यक्ष एबी ज्ञानेश्वर ने टूर कम्पनियों के मालिकों को खाता (पट्टिका) देकर स्वागत किया। इस दल का नेतृत्व कोरिया स्टार टूर के मालिक जो संग ही कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संकिसा, श्रावस्ती, लुम्बिनी का दर्शन कर हमलोग कुशीनगर पहुंचे हैं। बताया कि भारत में पर्यटन के लायक वातावरण हो गया है। अब किसी बीमारी का भय नहीं है। केवल सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
कहा कि वह कोरिया जाकर बौद्ध पर्यटकों को भारत आने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इन टूर कम्पनियों के मालिकों को दिल्ली की एक कंपनी ने आमंत्रित किया है। जंग योंग छल, जन दे संग, अचिंत कुमार सिन्हा, सत्येंद्र सिंह, योगेंद्र चौरसिया, निखिल मिश्र आदि उपस्थित रहे।
गोपाल