बेबीनार में प्रतिभागियों ने सीखे शिक्षा में कला का उपयोग

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत राज्य स्तरीय पाँच दिवसीय बेबीनार शिक्षा में कला द्वितीय दिवस की मुख्य अतिथि श्रीमती शशिप्रभा सचान ने बताया कि शिक्षा में कला बहुत उपयोगी है। इसका बहुत महत्व है, जिससे बच्चे बहुत सीखते हैं। कार्यक्रम संयोजक राजेश कुमार शर्मा प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय लौवा संदलपुर कानपुर देहात ने कहा कि शिक्षा में कला के विभिन्न आयामों, शिक्षा में कला क्राफ्ट निर्माण एवं उपयोगिता पर आज चर्चा हुई। साथ ही इसके निर्माण को भी बताया गया। इस बेबीनार में पूरे प्रदेश के 200 से अधिक शिक्षक व शिक्षिकाओं को कला के विभिन्न आयामों से परिचित कर उनको कक्षा कक्ष में कैसे लागू करना है, इसको लेकर हर दिन विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि डॉ. रत्ना पाण्डेय ने कहा कि यह बेबीनार पूरे प्रदेश के शिक्षकों के लिए सीखने का एक अच्छा संगम है, जिसमें बहुत उत्सुकता से लोग सीख रहे हैं। श्रीमती पुष्पा सिंह ने बताया कि कला के विभिन्न स्वरूप हैं जो हमें जीना सिखाती है। विशेषज्ञ सुमित गुप्ता राज्य स्तरीय सन्दर्भदाता जनपद कन्नौज के द्वारा पुत्तल कला निर्माण, क्राफ्ट निर्माण एवं कक्षा में इसकी उपयोगिता को बनाना बताया व प्रयोग कैसे करें इसको बताया गया। श्रीमती विजय लक्ष्मी यादव राज्य स्तरीय सन्दर्भदाता जनपद जौनपुर के द्वारा कला क्राफ्ट को बनाना व उसके प्रयोग के तरीकों को बताया गया। सह संयोजिका कादम्बरी कुशवाहा के द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व विशेषज्ञ सहित सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में तकनीकी सहायक शबाना, किरन कुशवाहा, अर्चना वर्मा, संचालन श्रीमती अनीता विश्वकर्मा, श्रीमती स्वाती सचान ने किया। बेबीनार में सुनील कुमार आनन्द गोण्डा, धर्मेन्द्र प्रतापगढ़ सहित बहुत से शिक्षक व शिक्षिकाएं जुड़े रहे। संयोजक राजेश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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