राज्य डेस्क
पटना। सुशांत खुदकुशी मामले कीजांच करने बिहार की एसआईटी महज 6 पन्नों की एफआईआर के कागज ही लेकर मुंबई गई थी, लेकिन जांच की यह फाइल मोटी हो गई है। जांच के दौरान लोगों के दर्ज किये गये बयान सुशांत के तीनों बैंकों के अकाउंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट के लेजर बैलेंस की कॉपी व यूपीआइ पेमेंट का स्टेटमेंट के कुल 50 पन्नों का रिकार्ड तैयार हो चुका है, जिसमें कई ठोस सबूत इकट्ठा हैं। सूत्र बताते हैं 13 पन्नों में सुशांत और उनकी अंकिता लोखंडे के बीच वाट्सऐप पर हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट है। छह लोगों के रिकॉर्ड बयान और एक प्रमुख गवाह से टेलीफोन पर हुई बातचीत को भी कागज पर लिखा गया है। पटना पुलिस की एसआईटी अब मुंबई पुलिस और बीएमसी की रडार पर है। बीएमसी के आलाधिकारी पटना पुलिस की टीम को सोमवार को दिनभर तलाशते रहे। पुलिस टीम को दोपहर में इसकी भनक लग गई। एसआईटी को लगा कि अगर ऐसा हुआ तो जांच पर फर्क पड़ सकता है। लिहाजा पटना पुलिस की एसआईटी के मुंबई के अफसरों पर भारी पड़ गए और उन्हें अपनी भनक तक नहीं लगने दी।
सूत्रों की मानें तो पुलिस टीम ने कुछ देर तक जांच करने के बाद खुद को अंडरग्राउंड कर लिया। पटना पुलिस की टीम की तलाश करने कई होटलों में बीएमसी की टीम पहुंची। वहां मुंबई पुलिस का सहयोग भी उसे मिल रहा था, लेकिन तब भी पटना पुलिस के अफसरों ने होशियारी दिखायी और सामने नहीं आए। एसआईटी की जांच को प्रभावित करने के लिए ऐसा किया गया। गौरतलब है कि रविवार को मुंबई पहुंचे पटना के एसपी सिटी विनय तिवारी को भी मुंबई पुलिस के इशारे पर बीएमसी ने जबरन क्वारंटाइन कर दिया था। सूत्रों की मानें तो बीएमसी के कई कर्मियों को पटना पुलिस की खोज में लगाया गया था। कुछ कर्मी बाइक से पुलिस टीम को खोजने निकले थे। यहां तक कि उनके हाथों में पुलिस टीम के नाम की लिस्ट भी थी। वे कुछ रेस्टोरेंट में भी गए। बांद्रा से लेकर अन्य इलाकों में पटना पुलिस को अपराधियों की तरह तलाशा जा रहा था। इस मामले को लेकर बिहार पुलिस के डीजीपी ने पटना पुलिस का साथ दिया। उन्होंने कहा कि जानबूझकर उनकी एसआईटी की तलाश की जा रही है, ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके। उनकी टीम एक जगह अंडरग्राउंड हो गई। इतनी परेशानी होने के बाद भी पटना पुलिस पूरी दृढ़ता के साथ मुंबई में अपना काम कर रही है। बिहार पुलिस के तमाम बड़े अफसर मुंबई पुलिस और बीएमसी के इस रवैये से नाराज दिखे।
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