बाबा विश्वनाथ की नगरी कान्हा के प्रेम में आकंठ डूबी,जन्मोत्सव की तैयारी
वाराणसी (हि.स.)। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी सोमवार को कान्हा के प्रेम में आकंंठ डूब गई है। घरों और मंदिरों में लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव को मनाने की तैयारी चल रही है। घरों में भी श्रद्धालु
खास कर बच्चे और युवा जन्मोत्सव मनाने के दिन सुबह से ही जन्माष्टमी की झांकी सजाने के लिए जुटे रहे। अशोक की पत्तियों,करौना के पेड़,कदम्ब की डाली से झांकी को बच्चे आकर्षक रूप देते रहे। आकर्षक पहाड़,बुरादा से बने मार्ग में खिलौनो के साथ पालना कई घरों में चांदी का पालना और हिंडोला आकर्षक बिजली के लतरों के बीच में रखा गया। गृहस्थ भी व्रत रह जन्मोत्सव मनाने के लिए तैयार है। भगवान के मूर्तियों को आकर्षक परिधान और मोर मुकुट भी पहनाया गया।
खोजवां शंकुलधारा पोखरा के किनारे स्थित द्वारिकाधीश मंदिर,अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर,नगवा मार्ग स्थित उडुपी श्रीकृष्ण माधव मंदिर,सोनारपुर स्थित सनातन गौड़ीय मठ,चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर,दुर्गाकुंड-संकट मोचन मंदिर मार्ग पर स्थित त्रिदेव मंदिर में भी जन्मोत्सव उत्साहपूर्ण माहौल में मनाने की तैयारियां चलती रही। इसी क्रम में हरे कृष्ण हरे राम संकीर्तन सोसाइटी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय महामहोत्सव में दूसरे दिन शाम 5.30 बजे से भजन कीर्तन शुरू होगा। रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जायेगा। जिसमें लड्डू गोपाल का महाअभिषेक होगा। महाआरती के बाद प्रसाद वितरण भी होगा। मंदिर में श्री राधा गोविंद देव, श्री जगन्नाथ जी, बलदेव, सुभद्रा महारानी, चैतन्य महाप्रभु और प्रभुपाद के तैलचित्र का श्रृंगार कर मनमोहक झांकी का रूप दिया गया है।
चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर में प्रात: काल 06—07 बजे के बीच लड्डू गोपाल का पंचामृत अभिषेक गोस्वामी श्याम मनोहर जी के देखरेख में किया गया। दोपहर 12.30 के बाद ठाकुर जी का दर्शन् कर श्रद्धालु आहृलादित रहे। दरबार में सांयकाल सात बजे उत्थापक दर्शन,रात 11 बजे जन्म के लग्न में जन्मोत्सव की शुरूआत होगी।