प्राइवेटाइजेशन को लेकर केंद्र पर भड़के राहुल गांधी
,नई दिल्ली | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा को युवाओं के ‘भविष्य पर हमला करार देते हुए मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल में बनी देश की पूंजी को अपने कुछ उद्योगपति मित्रों के हाथों में बेच दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि कुछ कंपनियों को यह ‘उपहार देने से उनका एकाधिकार बनेगा जिस कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाएगा।
राहुल गांधी ने एनएमपी के मुद्दे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल एवं रणदीप सुरजेवाला के साथ संवाददाताओं को संबोधित किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी और भाजपा का नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ। लेकिन वित्त मंत्री ने कल 70 सल में जो पूंजी बनी थी, उसे बचने का फैसला किया। मतलब यह है कि प्रधानमंत्री ने सबकुछ बेच दिया।
उन्होंने एनएमपी का विस्तृत उल्लेख करते हुए कहा, इन संपत्तियों को बनाने में 70 साल लगे हैं और इनमें देश की जनता का लाखों करोड़ों रुपये लगा है। अब इन्हें तीन-चार उद्योगपतियों को उपहार में दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा, हम निजीकरण के खिलाफ नहीं है। हमारे समय निजीकरण तर्कसंगत था। उस समय रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण संपत्तियों का निजीकरण नहीं किया जाता था। जिन उद्योगों में बहुत नुकसान होता था, उसका हम निजीकरण करते थे।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘यह सब, कुछ कंपनियों का एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है। जैसे ही इनका एकाधिकार बढ़ेगा, वैसे ही रोजगार कम होगा। नरेंद्र मोदी जी अपने दो-तीन उद्योगपति मित्रों के साथ युवाओं के भविष्य पर आक्रमण कर रहे हैं।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपए की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना (एनएमपी) की घोषणा की। इसके तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर हवाई अड्डे, सड़कें और स्टेडियम का मौद्रिकरण शामिल हैं। इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी कंपनियों को शामिल करते हुए संसाधन जुटाए जाएंगे और संपत्तियों का विकास किया जाएगा।
निजी निवेश हासिल करने के लिए चेन्नई, भोपाल, वाराणसी एवं वडोदरा सहित भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के करीब 25 हवाई अड्डे, 40 रेलवे स्टेशनों, 15 रेलवे स्टेडियम और कई रेलवे कॉलोनी की पहचान की गयी है। इन्हें निजी क्षेत्र के निवेश से विकसित किया जाएगा।