Thursday, November 13, 2025
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प्रयागराज के अधिवक्ता शक्ति सिंह 15 साल के लिए डीबार

प्रादेशिक डेस्क

प्रयागराज। बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने जिला अदालत में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता शक्ति प्रताप सिंह को व्यवसायिक कदाचार का दोषी करार देते हुए 15 साल के लिए डीबार कर दिया है। कौंसिल ने उनका लाइसेंस जब्त करते हुए अगले 15 वर्षों तक वकालत पर रोक लगा दी है।
शक्ति सिंह पर ज्योतिषाचार्च रामानंद शुक्ल ने ठगी कर एक लाख रुपये से अधिक की रकम हड़पने का आरोप है। इस संबंध में शुक्ल ने बार कौंसिल में परिवाद प्रस्तुत किया था। कौंसिल की अनुशासन समिति ने पाया कि अधिवक्ता शक्ति सिंह पर लगाए आरोप सही हैं इसके अलावा उनके विरुद्ध कई थानो पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनकी सूचना बार कौंसिल को न देकर उन्होंने प्रावधानों का उल्घंन किया है।
रामानंद शुक्ल ने अपनी शिकायत में कहा था कि 12 जून 2019 को उन्होंने अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था। उनके इलाज के बैंक से डेढ़ लाख रुपये निकाले थे। उसी दिन शक्ति सिंह और शिवम शुक्ला ने फर्जी सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज बनकर उनको फोन किया कि तुम्हारें खिलाफ एससीएसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज करने की तहरीर आई है। दोनों ने उसे थाने पर बुलाया। थाने पर पहुंचने पर उससे मामले में समझौता कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे गए। इसके बाद दोनों उसे अपनी गाड़ी में बैठा कर कचहरी लाए और समझौते का हलफनामा बनवाकर उसके पास मौजूद एक लाख 26 हजार रुपये छीन लिए। रामानंद ने इसकी प्राथमिकी भी सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई तथा अधिवक्ता के खिलाफ बार कौंसिल में परिवाद प्रस्तुत कर कार्रवाई की मांग की।
परिवाद पर सुनवाई के दौरान अनुशासनात्मक समिति ने पाया कि रामानंद शुक्ल के साथ हुई घटना की जांच क्षेत्राधिकारी सिविल लाइंस द्वारा की गई है। सीओ की रिपोर्ट में शुक्ल द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया गया है। इसके अलावा शक्ति सिंह के खिलाफ मांडा, जार्जटाउन, नैनी आदि थानों में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। सुशीला कुमार नाम की महिला ने तीन अप्रैल 2018 को धारा 302 आईपीसी(हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। शक्ति सिंह के नाम से एक व्यवसायिक वाहन भी पंजीकृत पाया गया। अनुशासन समिति के समक्ष शक्ति सिंह ने अपने बचाव में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। इन तमाम आधारों पर अनुशासन समिति ने शक्ति सिंह को व्यवसायिक कदाचार का दोषी ठहराते हुए उनके वकालत पर 15 वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया है।

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