पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए विद्युत विभाग का निजीकरण करने पर उतारू है सरकार – पी के मित्तल
चित्रकूट (हि.स.)। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में सोमवार से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने मुख्यालय के धुस मैदान स्थित पवार हॉउस पूर्ण कार्य बहिष्कार कर अनिश्चित कालीन धरना -प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
धरने की अध्यक्षता कर रहे अधीक्षण अभियंता पी0के0 मित्तल ने कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार विद्युत विभाग का निजीकरण करने पर उतारू है। निजीकरण हुआ तो हजारों कर्मचारियों के बेरोजगार होने के साथ -साथ बिजली मंहगी होगी। जिससे किसानो और आमजनमानस पर बुरा असर पड़ेगा। वहीं कांग्रेस और भाकपा ने भी विद्युत विभाग के आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने केंद्रीय आह्वान पर निजीकरण के विरोध में सोमवार से पूर्ण कार्य बहिष्कार कर अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया है।
अध्यक्षता कर रहे अधीक्षण अभियंता पी0के0 मित्तल ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए विद्युत विभाग के निजीकरण की तैयारी कर रही है। यदि प्रदेश सरकार में तानाशाही रवैया नही बदला तो विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार करते हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग का निजीकरण होने से आम जनमानस एवं किसानों को महंगे दामों पर बिजली मिलेगी। जिससे किसानों एवं आम जनमानस को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा निजीकरण से हजारों विभागीय अधिकारी -कर्मचारी बेरोजगार हो कर सड़को पर आ जाएंगे। जिससे उनके परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या खड़ी हो जाएगी।
आशीष सिंह और अनुपम कुमार ने कहा कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति किसी कीमत पर विद्युत विभाग का निजीकरण बर्दास्त नहीं करेगी। पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में सरकार प्रदेश के हजारो कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उत्तम लाल, राम आसरे, शिवप्रकाश, रामप्रकाश आदि ने कहा कि निजीकरण को बढ़ावा देकर सरकार दिन रात मेहनत करके विभाग की सेवा करने वाले कर्मचारियों और उनके परिवार के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा के यदि आंदोलन के दौरान किसी कर्मचारी का शोषण और उत्पीड़न किया गया तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर इंजीनियर अनिल दुबे, के के वर्मा, हाकिम सिंह, महेंद्र कुरील,अनिल सिंह, हेमंत जाटव, विजय सिंह, एसपी राही, राजेश गुप्ता, संजीव, हनीफ सौदागर, आशीष पांडेय, लक्ष्मी पाल, गुड्डू आदि सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन कर्मचारी नेता रामआसरे वर्मा ने किया। वहीं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के निजीकरण के विरोध में जारी आंदोलन को कांग्रेस पार्टी और भाकपा ने समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष कुशल सिंह पटेल और भाकपा के जिला सचिव अमित यादव ने धरना स्थल पर पहुँच कर अधीक्षण अभियंता पी के मित्तल को पार्टी का समर्थन पत्र सौंपा।