पीएसी भर्ती में जाति प्रमाणपत्र को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस पीएसी भर्ती 2018 में आवेदन जमा करने के बाद की तिथि का ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने पर अभ्यर्थी का दावा निरस्त करने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

सरकारी वकील का कहना है कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा। इसलिए उसका चयन नहीं किया गया। कोर्ट ने इसी बात को हलफनामे में दाखिल करने का निर्देश दिया है। विशेष अपील की सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। 
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने प्रयागराज के अनस अनवर की विशेष अपील पर दिया है। मालूम हो कि याची पुलिस पीएसी भर्ती में सारे टेस्ट पास किये। किन्तु चयन सूची में उसका नाम नही है। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी। एकल पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि 14 जनवरी 18 को भर्ती निकाली गई। 22 जनवरी 18 को आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। शर्त थी कि ओबीसी प्रमाणपत्र एक अप्रैल 17 के बाद का जारी किया गया हो। याची ने 8 मार्च 18 को जारी प्रमाणपत्र पेश किया है, जिसे वैध नहीं कह सकते। उसे सामान्य श्रेणी के कट आफ से कम अंक अर्जित किये होने के कारण चयनित नहीं किया गया है। इस आदेश के खिलाफ यह विशेष अपील दाखिल की गयी है। 
याची अधिवक्ता का कहना है कि राम कुमार गिजरोया केस के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत याची चयनित होने का हकदार है।अब सरकार की तरफ से कहा गया कि दस्तावेज सत्यापन के समय याची ओबीसी प्रमाणपत्र पेश करने में विफल रहा है। इसलिए चयन नहीं हुआ।

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