पश्चिम रेलवे : 1.20 लाख टन अत्यावश्यक सामग्री के परिवहन के लिए 529 पार्सल विशेष ट्रेनों का परिचालन

मुंबई। कोरोना वायरस के कारण घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे अपने सर्वोत्तम सम्भव प्रयासों को सुनिश्चित कर रही है, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई बाधा न आये। इसीलिए इसकी पार्सल विशेष ट्रेनें देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार परिचालित हो रही हैं। लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में पार्सल विशेष ट्रेनें चलाना आसान काम नहीं है, फिर भी पश्चिम रेलवे ने यह परिचालन लगातार जारी रखकर राष्ट्र के प्रति अपनी सम्पूर्ण जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता को बरकरार रखा है। इसी क्रम में 10 सितम्बर, 2020 को अत्यावश्यक वस्तुओं के समुचित परिवहन को सुनिश्चित करने हेतु पश्चिम रेलवे से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए कुल दो पार्सल विशेष ट्रेनें रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी के लिए चली पार्सल विशेष ट्रेन के अलावा पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए चली मिल्क स्पेशल ट्रेन शामिल है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पश्चिम रेलवे द्वारा माल परिवहन के क्षेत्र में लगातार नई सम्भावनाओं का पता लगाया जा रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि की बात है कि कोयले के परिवहन ने पश्चिम रेलवे पर एक नया मुकाम पाया है। पश्चिम रेलवे के वडोदरा डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने पहली बार दहेज से भरूच तक कोयले की लोडिंग शुरू की है। कोयले के ये वैगन गुजरात में मैसर्स अडानी पेट्रोनेट पोर्ट (दहेज) प्राइवेट लिमिटेड (एमएपीडी) से भरूच में एक नये गंतव्य यानी मैसर्स गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएनएफसी) के लिए लोड किये गये। इस परिवहन के माध्यम से अर्जित राजस्व 15.84 लाख रुपये रहा है। इस परिवहन के लिए लोडिंग हाल ही में की गई, जिसके इस क्षेत्र में स्थित विभिन्न उद्योग लाभान्वित होंगे।
ठाकुर ने बताया कि 23 मार्च से 9 सितम्बर, 2020 तक, लगभग 1.20 लाख टन वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 529 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली राजस्व आय लगभग 39.77 करोड़ रु. रही है। इसके अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा 86 दुग्ध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें 65,000 टन से अधिक भार के साथ वैगनों का 100% उपयोग सुनिश्चित किया गया। इसी तरह, लगभग 39 हजार टन आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 408 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इसके अलावा, लगभग 15,000 टन के भार के लिए 100% उपयोग के साथ 35 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये। 22 मार्च से 9 सितम्बर, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे पर मालगाड़ियों के 14,411 रेकों का उपयोग 30.13 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 26,448 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 14,162 ट्रेनें सौंपी गईं और 14,155 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इन मालगाड़ियों के परिचालन से लगभग 3800 करोड़ रु. का राजस्व हासिल हुआ।
लॉकडाउन के कारण यात्री राजस्व का नुकसान : लॉकडाउन के कारण यात्री ट्रेनें बंद रहने से पश्चिम रेलवे पर राजस्व का कुल नुकसान 2498 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें 378 करोड़ रु. उपनगरीय खंड पर और 2120 करोड़ रु. गैर उपनगरीय खंड का नुकसान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च से 9 सितम्बर, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के कारण, पश्चिम रेलवे ने 426 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 205.76 करोड़ रुपये का रिफंड भुगतान सुनिश्चित किया है। अब तक, 65.95 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे में अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी किराया वापसी राशि प्राप्त की है।

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