पद का गुरूर कभी नहीं करूंगी, विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में संग चलने वालों का स्वागत : कुलपति

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस.मौर्य का अभिनन्दन समारोह उनके शिष्य एवं शुभेच्छुओं ने शनिवार की रात बेविनार के माध्यम से किया गया है। 

 इस अवसर पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि वे कभी भी पद का गुरूर नहीं करूंगी, विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में साथ जो भी चलेगा उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को एक नई पहचान दिलाने के लिए आगामी तीन वर्षों का एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की प्राथमिकता नई शिक्षा नीति को अंगीकार कर विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सुलभ कराना है। 
  उन्होंने कहा कि यहां तक पहुंचने के प्रयास में उनके माता-पिता और पति के साथ-साथ उनकी सासू मां का भी हाथ रहा, जिन्होंने उन्हें अध्ययन अध्यापन के लिए हमेशा प्रेरित किया। इन्हीं कारणों से प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने आशीर्वाद देकर उन पर भरोसा किया। 
 कार्यक्रम का संचालन  शिष्या डॉ सुधा त्रिवेदी ने करते हुए उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। कुलपति का जीवन परिचय एवं उपलब्धियों के बारे में उनके शिष्य डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया। उन्होंने कहा कि 30 साल के अध्यापन काल में उनके 90 विद्यार्थी एम. फिल, 89 पीएचडी, पांच डी. लिट् की उपाधि पा चुके हैं। करीब 20 शोधकार्य तुलनात्मक है। उनकी आठ पुस्तकें, 160 रिसर्च पेपर व लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इनका प्रयोग शोधार्थी अपने शोध में उद्धरण के लिए करते हैं। चेन्नई, वाराणसी, भुज के आकाशवाणी केंद्रों से उन्होंने लगातार समय-समय पर कार्यक्रम दिए और जीटीवी से भी जुड़ी।
  उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान,दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा,मद्रास में उनके सानिध्य में काम करने वाले प्रो अवनीश कुमार, डॉ मंजू रस्तोगी जी ने बताया कि प्रो निर्मला एस मौर्य सबकी प्रिय गुरु, स्नेही अभिभावक, विदुषी मार्गदर्शक होने के साथ साथ वात्सल्य एवं विम्रता की साक्षात् देवी हैं। वे सच्चाई के रास्तों पर चलने वाली बेहद परिश्रमी रही हैं। 
 इस आयोजन में प्रो. केसरी लाल वर्मा कुलपति रायपुर विश्वविद्यालय, प्रो.नंद किशोर पांडेय केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी बीएचयू, डॉ.संत प्रसाद माथुर पूर्व पुलिस महानिदेशक तमिलनाडु, प्रो. उषा सिन्हा, श्रीएस श्रीनिवासन के साथ उनके पिता पूर्व कुलपति प्रो. सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा, भाई प्रो. साकेत कुशवाहा कुलपति, राजीव गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश, छोटे भाई उत्तर प्रदेश के जाने-माने आर्किटेक्ट अनुराग कुशवाहा ने अपने पारिवारिक अनुभवों एवं जीवन संघर्षों को साझा किया। 
 इस अवसर पर पूर्वांचल विवि के शिक्षकों में प्रो. विक्रम देव शर्मा, प्रो.अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. देवराज सिंह, मीडिया प्रभारी डॉ राज कुमार, सह मीडिया प्रभारी डॉ. सुनील कुमार, एनएसएस कोऑर्डिनेटर राकेश यादव, डॉ. सुजीत कुमार, डॉ. अमरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, अन्नू त्यागी, डॉ. जान्हवी, करुना निराला एवं विशेष कार्याधिकारी डॉ के एस तोमर आदि ने भी हिस्सा लिए।

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