नेपाल सीमा विवाद : चार अगस्त की बैठक पर टिकीं हैं निगाहें

राज्य डेस्क

चम्पावत। उत्तराखण्ड में भारत-नेपाल सीमा विवाद सुलझाने को लेकर अधिकारियों की निगाह अब चार अगस्त को टनकपुर-बनबसा में प्रस्तावित बैठक पर टिकी हुई हैं। उस बैठक में नो मैंस लैंड से अतिक्रमण हटाने और पिलर संख्या 811 के सीमांकन पर भी मंथन होगा। यदि यह विवाद इस बैठक में नहीं सुलझा तो गेंद सीधे दोनों देशों की सरकारों के पाले में पहुंचना तय है।
टनकपुर से लगी भारत-नेपाल सीमा पर नो मैंस लैंड पर करीब एक पखवाड़ा पूर्व अपने नेताओं की शह पर नेपाली नागरिकों ने तारबाड़ और पौधरोपण शुरू कर दिया था। मामला सामने आते ही भारत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया था। उसी दौरान एसएसबी के कमांडेंट और नेपाल एपीएफ के अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया था। नेपाल के अधिकारियों ने दो दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया था। मगर अब तक अतिक्रमण नहीं हट पाया है। इधर, अब खुफिया जांच में सामने आ रहा है कि कंचनपुर महापालिका, ब्रह्मदेव वन विकास समिति को आगे रखकर सीधे तौर पर अतिक्रमण की अगुवाई कर रही है। महापालिका की ओर से इसके लिए बाकायदा 49 लाख का बजट भी जारी करने का मामला खुफिया जांच में सामने आ रहा है। हालांकि स्थानीय अधिकारियों को उम्मीद है कि चार अगस्त को होने वाली बैठक में मामले का हल निकल जाएगा। उस बैठक में कंचनपुर और चम्पावत के आला अधिकारी प्रतिभाग करेंगे।

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