नेता प्रतिपक्ष के आरोप, भाजपा सरकार उप्र में कराना चाहती है साम्प्रदायिक दंगा
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए राज्य में साम्प्रदायिक और जातीय दंगा कराना चाहती है। उन्होंने समाजवादियों से कहा है कि दंगा रोकने के लिए वे बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार रहें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपहरण करके फिरौती न मिलने पर हत्या, लूट, डकैती के साथ रोज हत्या और बीमार प्रदेश में बदलने के बाद मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ अपने पुराने रास्ते पर लौट रहे हैं। इसे लेकर सूबे के लोग सावधान रहें और किसी भी कीमत पर आपसी सद्भाव और भाईचारे का माहौल बनाए रखने की कोशिश करें। खासतौर से समाजवादी पार्टी के लोग मुख्यमन्त्री योगी और उनकी टीम की ओर से होने वाले दंगों को रोकने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहें।
रामगोविन्द चौधरी कहते हैं कि मुख्यमन्त्री योगी ने उपचुनाव को लेकर आज एक बयान में कहा कि विकास नहीं पसन्द करने वाले जातीय व साम्प्रदायिक दंगा भड़काने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता विपक्ष के इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करें।
मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर नेता प्रतिपक्ष चौधरी ने कहा है कि सूबे के लोग मुख्यमन्त्री योगी के पुराने रिकार्ड को याद करें। उन्होंने बतौर मुख्यमन्त्री अपने ऊपर लगे मामलों को वापस नहीं लिया होता तो वह आज इस बड़ी कुर्सी की जगह खुद कानून की गिरफ्त में होते। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री होने के बाद भी योगी आदित्यनाथ कानून के शिकंजे को भूले नहीं हैं। इसलिए वह कानून का राज स्थापित करने की जगह कानून की मर्यादा को तार तार कर रहे हैं। इसे लेकर केवल विपक्ष नहीं, पक्ष के भी संवेदनशील और समझदार लोगों को भी सावधान रहने की जरूरत है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उप्र के लोग इस समय केवल एक मांग कर रहे हैं, सूबे में कानून व्यवस्था का शासन बहाल हो, बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। लोगों की इस मांग की आवाज समाजवादी पार्टी और विपक्ष मुख्यमंत्री योगी तक पहुंचाना चाहता है लेकिन वह इस आवाज को सुनना ही नहीं चाहते हैं। यही नहीं, वह और उनकी टीम समाजवादी पार्टी और विपक्ष के माध्यम से उठ रही इस आवाज को बर्बर दमन और गिरफ्तारी के बल पर कुचल देने की कोशिश में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि बर्बर दमन और गिरफ्तारी के बाद भी आम आदमी की यह आवाज दब नहीं रही है। उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री की भी पार्टी के संवेदनशील और समझदार लोग प्रतिरोध की इस आवाज का हृदय से समर्थन कर रहे हैं। इस स्थिति से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अचानक मुख्यमन्त्री को दंगा कराने के अपने पुराने खेल का बोध हुआ है जिसे कुछ लोगों और विपक्ष पर आरोप के बहाने उन्होंने व्यक्त कर दिया है। इसे लेकर सूबे के हर संवेदनशील और समझदार आदमी को सावधान रहने की जरूरत है एवं मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अपनी पार्टी के लोगों को उकसा कर जातीय व साम्प्रदायिक दंगा कराने की साजिश का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए जनता होशियार रहे।