निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मी कार्य बहिष्कार के फैसले पर अडिग, आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी

वाराणसी (हि.स.)। निजीकरण के विरोध में आन्दोलनरत बिजली कर्मी कार्य बहिष्कार के फैसले पर अडिग है। आंशिक कार्य बहिष्कार के चौथे दिन शनिवार को पूरे दिन भिखारीपुर स्थित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कार्यालय परिसर में कर्मचारी धरना स्थल पर डटे रहे। धरना प्रदर्शन में शामिल कर्मचारी नेताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम प्रबंधन सरकार को गुमराह कर रहे हैं। 
अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा), उप्र शासन व अध्यक्ष, पावर कारपोरेशन अरविंद कुमार एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष प्रतिनिधियों के मध्य शक्ति भवन में हुई वार्ता भी बेनतीजा रही। संघर्ष समिति के नेताओं ने एकजुटता का संकल्प दिखाते हुए कहा कि समिति के सुधार के संकल्प के बावजूद ऊर्जा निगम प्रबन्धन निजीकरण पर अड़ा हुआ है। 
संघर्ष समिति की नोटिस के अनुरूप अब बिजलीकर्मी 05 अक्टूबर से पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली का ग्रिड फेल न हो और आम नागरिको को तकलीफ न हो। इसके लिए बिजली उत्पादन गृहों, 765/400 केवी विद्युत उपकेन्द्र और प्रणाली नियंत्रण में पाली में काम करने वाले कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार से अलग रखा गया है। 
कर्मचारी नेता ई. केदार तिवारी ने बताया कि संघर्ष समिति ने पुनः प्रस्ताव दिया है कि समझौते के अनुसार निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त कर सुधार की कार्य योजना बनाई जाए, जिसके लिये बिजलीकर्मी संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि समिति ने चेतावनी दी है कि शांतिपूर्ण कार्यरत बिजली कर्मचारियों का चार्ज यदि बाहरी एजेंसियों और प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपने की कोशिश हुई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन की होगी। 

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