नाटो का रहेगा काबुल एयरपोर्ट पर नियंत्रण, 18 हजार लोगों को बाहर निकाला

वाशिंगटन (हि.स.)। अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में बनाए रखेगा। यह फैसला सदस्य देशों के विदेशमंत्रियों ने वर्चुअल मीटिंग में किया है। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अभी तक नाटो देशों के 18 हजार से ज्यादा नागरिक वहां से बाहर निकाले जा चुके हैं। इससे कई गुना विदेशी नागरिक अभी काबुल और बडे़ शहरों में मौजूद हैं।

नाटो ने तालिबान से विदेशी नागरिकों की सुरक्षित वापसी में सहयोग देने का अनुरोध किया है। अफगानिस्तान के 95 प्रतिशत इलाके पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने देश की जमीनी सीमाओं से आवाजाही पर रोक लगा दी है। इसलिए देश से बाहर जाने के लिए काबुल हवाई अड्डा ही एकमात्र जरिया बचा है।

काबुल हवाई अड्डे पर अमेरिका, ब्रिटेन और तुर्की के सैनिकों का नियंत्रण है। इनमें सर्वाधिक 5,800 सैनिक अमेरिका के हैं। नाटो के महासचिव जेंस स्टोटेनबर्ग ने काबुल हवाई अड्डे पर कब्जा बनाए रखने के लिए तीनों देशों का शुक्रिया अदा किया है।

हवाई अड्डे के बाहर पूरे काबुल पर तालिबान का नियंत्रण है। बताया गया है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर अफगानिस्तान छोड़कर जाने के इच्छुक लोगों की भीड़ लगी हुई है। तालिबान लड़ाके उसे हटाने की कोशिश में जब-तब हवाई फायरिंग भी करते रहते हैं।

अब तक 12 लोगों की मौत

फायरिंग और भगदड़ में रविवार से अब तक 12 लोगों के मारे जाने की सूचना है। पता चला है कि तालिबान विदेशी लोगों को देश से बाहर जाने से नहीं रोक रहे, लेकिन अफगान नागरिकों को वे रोक रहे हैं। तालिबान इसे अपनी स्वीकार्यता से जोड़कर दिखाना चाहते हैं। वे यह दिखाना चाहते हैं कि अधिकांश अफगान उनके साथ हैं।

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