तीसरा दिन : रेलवे कर्मियों ने यूनियन एकता के साथ किया प्रदर्शन
कानपुर। विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन भारतीय रेलवे के निजीकरण व निजी हाथों के सौंपने के विरोध में आल इंडिया मेन्स रेल फेडरेशन के आह्वान पर नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन ने भारत सरकार के खिलाफ रेलवे कर्मियों के साथ जमकर प्रदर्शन किया है। जिसके लिए सभी कर्मचारी एक स्वर में आकर निजीकरण का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारत सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन के तीसरे दिन भी आज रेलवे कर्मचारियों ने नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन के कार्यालय व स्टेशन परिसर में एकत्र होकर अपनी आवाज को बुलंद कर दिया है। वहीं बनवारी लाल चौरसिया(शाखा मंत्री) का कहना है कि भारत सरकार द्वारा रेलवे विभाग का निजीकरण सिर्फ प्राइवेट संस्थाओं का लाभ पहुचना है। जबकि पूरे देश में कोरोना महामारी फैलने से सारे सरकारी विभाग घाटे की ओर बढ़ रहे है। साथ ही अपनी मांगे रखी जिसमें कि रेलवे निजीकरण व नियमिकरण बन्द किया जाए। एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए। लाइसेंस स्कीम को लागू किया जाए। रेलवे में रिक्त पदों को जल्द ही भरा जाए। ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए। डी.ए/डी.ए.आर को फ्री में किया जाए व 30 साल से 55 साल की नौकरी की सेवानिवृत्त के नियम पर रोक लगाई जाए।
उनका कहना है कि कोरोना वैसे भी रेलवे काफी नुकसान पहुंचाया है और ये रेलवे निजीकरण देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। प्रदर्शनकारियों में बनवारी लाल (शाखा मंत्री), संजय कुमार (शाखा अध्यक्ष), अजय सागर यादव (का.अध्यक्ष), अतुल कुमार गंगवार (कोषाध्यक्ष), के. डी. यादव, ब्रजकिशोर, विजय शंकर, आर.पी.गुप्ता, रमेश यादव, विजय शंकर, रंजीत, मुकेश कुमार, सतीश मिश्रा, रज्जन अली, इंद्रजीत, फैजान खान, रतन कुमार आदि मौजूद रहे।