जेल से रिहा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का सम्मान, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प
वाराणसी(हि.स.)। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के काफिले के सामने काला झंडा दिखाने के मामले में जेल में बंद रहे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की रिहाई के बाद रविवार को पार्टी ने उन्हें सम्मानित किया। जिला और महानगर इकाई के बैनर तले सामनेघाट में जुटे रिहा कार्यकर्ताओं की वरिष्ठ नेताओं ने जमकर पीठ थपथपाई और माला पहनाकर अंगवस्त्रम भेंट कर अभिनन्दन भी किया।
जेल में निरूद्ध रहे कार्यकर्ता मनीष चौबे, मयंक चौबे, विश्वनाथ कुंवर, प्रिंस राय, ऋषभ पाण्डेय, किशन यादव, दिलीप सोनकर, रोहित चौरसिया, कुंवर यादव के संघर्ष की तारीफ कर पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि युवा साथियों ने हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने के लिए दमन के खिलाफ आवाज बुलन्द की। इन साथियों के आगे सरकार को झुकना तो तय था।
उन्होंने सरकार पर निशाने साधते हुए कहा कि सरकार कांग्रेस के सिपाहियों को कैद कर सकती है लेकिन हमारे विचारों हौसलों व जनहित में लड़ने की ताकत को नहीं रोक सकती। कांग्रेस आन्दोंलनो की पार्टी है। जब जब देश पर संकट आया है, कांग्रेसियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर इस आवाम व देश की रक्षा की है।
राय ने कहा कि इस समय देश संकट से जूझ रहा है। हर मोर्चे पर यह सरकार विफल व नाकाम है। हम सबकी जिम्मेदारी है इस तानाशाह सरकार से लड़कर संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की।
जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि समाज के हित की लड़ाई लड़ते हुए अगर कांग्रेस के सिपाहियों को एक नहीं सौ बार भी जेल जाना पड़े, तो पीछे नहीं हटेंगे। राजनीति में मुकदमा पुरस्कार में मिलता है। कार्यकर्ता का जेल अस्थायी घर होता है। कार्यकर्ता सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेंगे।