जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी : बाबू सिंह कुशवाहा
लखनऊ(हि.स.)। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ का नारा हमने दिया है। हम जनगणना की मांग करते हैं। जिससे सबकी भागीदारी का सही मूल्यांकन हो सके।
जन अधिकार पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बाबू सिंह कुशवाहा ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह सरकारी नौकरी हो, प्राइवेट नौकरियां या फिर सरकार द्वारा खर्च होने वाला विकास का धन, जिसकी जितनी आबादी है उसके हिसाब से उनकी भागीदारी होनी आवश्यक है। देश तभी उन्नति करेगा, जब इस हिसाब से लोगों तक विकास पहुंचेंगा। तभी समाज में बराबर-बराबर उन्नति होगी। कहीं कम या कहीं ज्यादा नहीं होगी।
उन्होंने गठबंधन के प्रश्न पर कहा कि मैंने और ओमप्रकाश राजभर ने सभी से बातचीत करके भागीदारी संघर्ष मोर्चा बनाया है। इसमें मेरी पार्टी जन अधिकार पार्टी, ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, कृष्णा पटेल की अपना दल, प्रेमचंद प्रजापति की राष्ट्रीय भागीदारी पार्टी (पी), बाबू रामपाल की राष्ट्र उदय पार्टी, अनिल सिंह की जनता क्रांति पार्टी, रामसागर बिंद की भारत माता पार्टी और रामकरण कश्यप की भारतीय वंचित समाज पार्टी शामिल है।
उन्होंने कहा कि भागीदारी संघर्ष मोर्चा समाज के मुद्दों पर लड़ने के लिए आगे बढ़ रही है। हमारी मुख्य मांग है कि एक सम्मान शिक्षा पद्धति होनी चाहिए। चाहे गरीब का बेटा हो या फिर अमीर का बेटा हो, सभी का पाठ्यक्रम एक होना चाहिए। अमीर का बेटा सोफे पर बैठे या गरीब का बेटा टाट पट्टी पर बैठें, लेकिन उसे एक सम्मान शिक्षा मिले।
एक प्रश्न के उत्तर में बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में भागीदारी संघर्ष मोर्चा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। उनकी बात कुछ दिनों पहले ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से हुई थी। अखिलेश यादव भी जनगणना कराने के पक्ष में हैं।