जलियांवाला बाग का नया परिसर राष्ट्र को समर्पित: पीएम मोदी बोले- पंजाब की वीर भूमि को मेरा प्रणाम
अमृतसर |कोरोना और सौंदर्यीकरण की वजह से पिछले डेढ़ साल से बंद जलियांवाला बाग शनिवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया। पंजाब सरकार ने 20 करोड़ रुपये खर्च जलियांवाला बाग को संवारा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने जलियांवाला बाग के इतिहास के बारे में जानकारी दी और आज के दिन को खुशी का दिन बताया। साथ ही उन्होंने पीएम से आग्रह किया कि महान शहीद ऊधम सिंह की निजी वस्तुएं पिस्तौल और निजी डायरी वापस लाने के लिए ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत की जाए। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की कुर्बानी को याद रखा जाना चाहिए।
इसके बाद मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब की वीर भूमि को, जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम। मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आजादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं। 13 अप्रैल 1919 के वो 10 मिनट, हमारी आजादी की लड़ाई की वो सत्यगाथा बन गए, जिसके कारण आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं। ऐसे में आजादी के 75वें वर्ष में जलियांवाला बाग स्मारक का आधुनिक रूप देश को मिलना, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का अवसर है।
मोदी ने कहा कि जलियांवाला बाग वो स्थान है जिसने सरदार ऊधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आजादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया। किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है। इसलिए भारत ने 14 अगस्त को हर वर्ष ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।
वहीं इससे पहले शाम को कार्यक्रम का विरोध करने जलियांवाला बाग पहुंचे नौजवान भारत सभा के सदस्यों और अन्य किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस तीस से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर छेहरटा थाने ले गई। जहां नौजवान सभा के प्रधान रुपिंदर सिंह चौंदा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने थाने के अंदर ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
सैलानी देखेंगे डिजिटल डाक्यूमेंट्री
जलियांवाला बाग में एक थिएटर का निर्माण किया गया है। एक साथ 80 लोगों की क्षमता वाले इस थिएटर में डिजिटल डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इसके लिए जलियांवाला बाग नरसंहार पर डिजिटल डाक्यूमेंट्री तैयार की गई है। इसमें गेट से अंग्रेजी सेना के प्रवेश से लेकर जलियांवाला बाग में बैठे बेकसूर लोगों पर गोलियां चलाने तक का वाकया कैद है। इससे पहले अमिताभ बच्चन की आवाज में लाइट एंड साउंड शो सैलानियों को दिखाया जाता था।