जब भरी सभा में कहा, रामलला मैं कल्याण बोल रहा हूं और बंद हो गयी बारिश
-कई सभाओं में कल्याण सिंह के कहते ही बंद हो जाती थी बारिश
लखनऊ (हि.स.)। रामभक्त के रूप में कल्याण सिंह को हमेशा याद किया जाएगा। जब कल्याण सिंह की सभाएं होती थीं और यदि बारिश या आंधी को देखकर लोग भागने लगते थे तो अक्सर कल्याण सिंह लोगों को रोक लेते थे। मंच से ही कहते थे हमारी श्रीराम लला से बात हो गयी है, आप लोग आराम से बैठ जाएं और कई बार ऐसे में बारिश बंा भी हो गयी। ऐसा ही एक वाक्या 1998 के चुनावी सभा में हुआ, जब कल्याण सिंह भाषण दे रहे थे। उसी समय बारिश होने लगी। कल्याण सिंह ने मंच से ही घोषणा की कि आप लोग आराम से बैठ जाएं, हमारी रामलला से बात हो गयी है। अभी बारिश बंद हो जाएगी। इतना कहना था कि आंधी-बारिश बंद हो गयी। सभी लोग यह देख दंग रह गये।
सुलतानपुर की सभी में प्रत्यक्षदर्शी रह चुके भाजपा नेता और कल्याण सिंह के निकटस्थ राजेश राय का कहना है कि वह अजब का दृश्य था। कल्याण सिंह के खड़ा होने से पहले ही बारिश शुरू हो गयी। आंधी पहले से ही चल रही थी। पूरा पंडाल खचाखच भरा था। जय श्रीराम के नारे लग रहे थे लेकिन आंधी-बारिश ने सभा के रंग में भंग डालना शुरू कर दिया। इतने में कल्याण सिंह ने मंच संभाला और भागते हुए लोगों से कहा, आप लोग रुक जाइए। घबराने की कोई जरूरत नहीं, हमारी राम लला से बात हो गयी है। बारिश बंद हो जाएगी। इतना कहना था कि बारिश बंद हो गयी। राजेश राय ने कहा कि इतना देखते ही वहां सभा में पहुंचे लोग दंग रह गये।
इसी तरह कलकत्ता में भी कल्याण सिंह की सभा चल रही थी और बादल पहले से मंडरा रहे थे। कल्याण सिंह ने जैसे ही भाषण शुरू किया, हल्की बारिश शुरू हो गयी। कल्याण सिंह ने मंच से ही कहा, रामलला मैं कल्याण सिंह बोल रहा हूं। यह बारिश बंद कर दो। बारिश बंद कर दो यह शब्द निकलते ही बारिश बंद हो गयी। वहां सभा में पहुंचे लोग आश्चर्य से भर उठे। कल्याण सिंह के समय से ही राममंदिर आंदोलन से जुड़े केशव राय तो यहां तक कहते हैं कि कल्याण सिंह अवतार थे। हकीकत यही थी कि वे राज का मोह कभी नहीं करते थे। उन्होंने सर्व कल्याण के लिए जन्म लिया था।