गोण्डा में 1003 लोगों की जांच में मिले 81 टीबी के नए मरीज

450 कार्यकर्ताओं की 150 टीमों ने चार दिनों में किया 1.17 लाख आबादी का स्क्रीनिंग

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। समाज को क्षय रोग यानि टीबी की बीमारी से मुक्त बनाने के उद्देश्य से पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत जिले में गत दो नवंबर से आगामी 11 नवंबर तक सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान (एसीएफ) चलाया गया है। अभियान के सफल संचालन एवं लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत आबादी तक विभाग की पहुँच को सुनिश्चित करने हेतु विभाग की जिला एवं ब्लॉक स्तरीय टीमों द्वारा गांवों का नियमित भ्रमण किया जा रहा है। इसी के क्रम में शुक्रवार को डीसीपीएम डॉ आरपी सिंह, एनटीईपी के जिला समन्वयक विवेक सरन, आरकेएसके के जिला समन्वयक रंजीत सिंह, एसटीएस राहुल तिवारी व उनकी टीम द्वारा कर्नलगंज ब्लॉक के नया पुरवा, चंगेरिया तथा भंभुआ समेत कई अन्य गांवों का भ्रमण कर एसीएफ अभियान का गहनता से निरीक्षण किया गया। टीम ने टीबी मरीजो के घर जाकर उनका सत्यापन किया और ग्रामीणों से सरकार द्वारा टीबी के मरीजो को दी जा रही समस्त सुविधाओं तथा बीमारी से बचाव के उपाय बताये। इसके अलावा उन्होंने सम्बन्धित डीएमसी पर पहुंचकर स्लाइडों की चेकिंग भी की। निरीक्षण में पाया गया कि टीमें बनाये गये माइक्रोप्लान के अनुसार चल रही हैं तथा प्रशिक्षित कर्मी ही उक्त कार्य में लगाये गये है, जिसके लिये उन्होंने टीम की सराहना भी की।
इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर ने बताया कि विभाग द्वारा गठित 150 टीमों द्वारा घर-घर भ्रमण कर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। संदिग्ध व्यक्तियों के बलगम की जांच के दौरान टीबी पॉजिटिव पाए गए मरीजों का विभाग द्वारा त्वरित उपचार भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान में विभाग द्वारा जनपद की 10 प्रतिशत् आबादी यानि 3.74 लाख आबादी को लक्षित किया गया है, जिनमें से अब तक चार दिनों में 1.17 लाख की आबादी में गठित टीमों द्वारा भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 32 प्रतिशत् आबादी की स्क्रीनिंग व जाँच की गई। टीम द्वारा किये जा रहे क्षेत्र भ्रमण में लोगों की स्क्रीनिंग व पूछताछ के दौरान संदिग्ध पाए गये 1003 लोगों के बलगम की जाँच करायी गयी, जिसमें से अभी तक कुल 78 मरीज पाये गये। एसीएफ कार्यक्रम समाप्त होते ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टीबी फोरम/जिला टीबी टास्क फोर्स एवं एसीएफ समीक्षा बैठक करायी जायेगी।
इस अभियान में स्लम एरिया, दुर्गम क्षेत्र, कुपोषित आबादी, सघन आबादी, ईंट-भटटा तथा हाई रिस्क ग्रुप को विशेष रूप से शामिल किया गया है। शहरी क्षेत्र के अलावा 14 ब्लॉकों में कार्यक्रम चल रहा है। इसके लिए 450 स्वास्थ्य कर्मियों की 150 टीमे बनायी गयीं हैं। प्रत्येक टीम में तीन-तीन सदस्य हैं, जो चयनित क्षेत्र में घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों व बचाव के बारे मे लोगों को जागरुक करती हैं। संदिग्ध लोगों का बलगम एकत्र कर टीम के सदस्यों द्वारा नजदीकी केन्द्र पर जांच हेतु भेज दिया जाता है। टीबी पॉजिटिव होने पर उनका दो दिवसों के भीतर इलाज आरम्भ कर दिया जाता है तथा निःक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत प्रतिमाह पाँच सौ रुपये दी जाने वाली धनराशि हेतु उनके नाम का अंकन निःक्षय पोर्टल पर कर दिया जाता है। टीमों के कार्यों के सत्यापन हेतु प्रत्येक पांच टीम पर एक सुपरवाइजर बनाये गये हैं, जिनकी कुल संख्या 30 है।

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