खुली अदालत में आदेश की अनदेखी पड़ी भारी, महिला पुलिस निलंबित



प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा खुली अदालत में गोल्डी कुमारी को अपने पति के साथ जाने की छूट के आदेश की अवहेलना कर नारी निकेतन में रखना महिला पुलिस को महंगा पड़ा।
कोर्ट में पेशी के लिए लायी पुलिस ने कोर्ट आदेश की प्रति न मिलने के कारण याची को उसकी मर्जी से पति के साथ जाने देने के बजाय नारी निकेतन, मऊ में रहने को मजबूर कर दिया। कोर्ट ने पुलिस की मौजूदगी में याची की अवैध निरूद्धि से मुक्त कर उसकी इच्छा से पति के साथ जाने की छूट दे दी थी। आदेश अपलोड नहीं हो सका तो पुलिस ने कोर्ट आदेश की अनदेखी कर अवहेलना कर दी।
इस अवैध निरूद्धि के खिलाफ याची ने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो पुलिस को गलती का अहसास हुआ और याची को तुरंत उसके पति के घर बलिया पहुंचाया गया और महिला पुलिस अनीता को निलंबित कर जांच बैठाने की सूचना कोर्ट को दी गयी। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और एसपी मऊ को अवैध निरूद्धि के घटनाक्रम के व्योरे के साथ 9 सितंबर को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। 
कोर्ट ने कहा है कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं करते तो वह स्वयं कोर्ट में हाजिर हो। केस की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने गोल्डी व सूरज की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता आनंद कुमार पांडेय ने बहस की। याचीगण की याचिका पर कोर्ट ने याची गोल्डी को पेश करने का निर्देश दिया। पुलिस लाइन मऊ की कांसटेबल अनीता गोल्डी को लेकर कोर्ट में आयी। कोर्ट ने लड़की का बयान दर्ज किया। बालिग होने के नाते कोर्ट ने लड़की याची को अपनी मर्जी से पति के साथ जाने की छूट दी। खुली अदालत में फैसला सुना दिया गया। आदेश अपलोड नहीं किया जा सका तो पुलिस ने याची को बुलाया और नारी निकेतन मऊ में रहने को मजबूर किया। कहा आदेश मिलने पर वह जा सकेगी। इस पर कोर्ट मे अर्जी दी गयी और कोर्ट से अवैध निरूद्धि के खिलाफ गुहार लगाई गई। अर्जी की सुनवाई से पहले ही शासकीय अधिवक्ता ने कार्यवाई कर कोर्ट को जानकारी दी। जिस पर कोर्ट ने एसपी से हलफनामा मांगा है।

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