कोरिया में है अयोध्या का दामाद, इतिहास के पन्नों में दर्ज कहानी

इंटरनेशनल डेस्क

सियोल. साउथ कोरिया के दूत शिन बोंग-किल ने अयोध्या को लेकर एक बड़ी बात कही है. उनका कहना है कि अयोध्या और कोरिया का संबंध बेहद खास है. कोरिया की एक प्राचीन ऐतिहासित पुस्तक में लिखा है कि अयोध्या की एक राजकुमारी ने एक कोरियाई राजा किम सुरो से शादी की थी. उन्होंने कहा कि राजा किम के मकबरे से पुरातात्विक निष्कर्षों में, अयोध्या से संबंधित कलाकृतियों को पाया गया है. इतिहास के पन्ने बताते हैं की सन 48 में अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्न कोरिया गई थीं. जहां राजकुमार किम सूरो से विवाह के उपरांत उनका नाम हवांग ओके हो गया. राजकुमारी सुरीरत्न जब जल मार्ग से कोरिया रवाना हुई तो अयोध्या से एक पत्थर ले गईं. बताते हैं कि यह पत्थर नाव को स्थिर रखने के लिए ले गई थी. यही पत्थर उनके पगोड़ा मे स्मृति चिह्न के रूप में संरक्षित है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रोफेसर अतुल कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि चीनी कथाओं की मानें तो अयोध्या के राजा को रात में स्वप्न आया था, जिसमें उन्हें एक संदेश मिला कि राजकुमारी का विवाह कोरिया के राजकुमार किमसूरो से कराएं. बताया जाता है कि हवांग ओके और किमसूरो 150 वर्ष तक जीवित रहे. इनकी पुत्र और पुत्रियों से दक्षिण कोरिया की आबादी का 10 फीसदी (करीब 60 लाख) जनसंख्या है. अटल बिहारी वाजपेयी के समय में 2001 में एक मुहिम चली, जिसमें अयोध्या और दक्षिण कोरिया के पर्यटन संबंधी तथ्यों को समावेशित करते हुए विश्व क्षितिज पर उजागर करने का प्रयास किया गया. प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि भारत से ही बौद्ध धर्म कोरिया पहुंचा. अतः कोरिया और भारत का संबंध प्राचीन है. दक्षिण कोरिया और अयोध्या के बीच करीब 4300 किलोमीटर की दूरी है.

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