कुशीनगर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान अभी छह माह दूर, रूसी कंपनी ने फंसाया पेच

कुशीनगर(हि.स.)। कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान शुरू होने में अभी छह माह की देरी है। निर्बाध, सुरक्षित और प्रतिकूल मौसम में भी विमानों की लैंडिंग व टेकआफ के लिए लगने वाले आईएलएस में देरी हो रही है। रूसी कम्पनी ने इसमे पेंच फंसाया हुआ है। जिस कारण पर्यटकों के विदेशी चार्टर विमान भी यहां नहीं आ सकेंगे।

गत वर्ष 27 मार्च को विदेशी पर्यटकों से भरा वियतनाम का एक चार्टर विमान फाल्कन उतरा था। विशेष विमान में वियतनाम के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग आए थे। उसके बाद चार्टर विमान से ही 8 अगस्त को 75 , 2 सितंबर को 109 और 18 सितम्बर को 143 सात अक्तूबर को 360 वियतनामी सैलानियों का दल कुशीनगर आया किंतु इन सभी के विमानों की लैंडिंग व टेकआफ वाराणसी और बोधगया एयरपोर्ट पर हुई। ऐसा इसलिए हुआ कि कुशीनगर एयरपोर्ट पर विमानों की लैंडिंग और टेक आफ के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक की आइएलइस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) नही लगा है। 27 मार्च को जो फाल्कन विमान आया उसकी लैंडिंग जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) के सहारे से हुई। एकमात्र दिल्ली की उड़ान भी जीपीएस के सहारे हो रही है।

उम्मीद की जा रही थी कि एक अक्तूबर से प्रारंभ हो रहे बौद्ध सर्किट के पर्यटन सीजन के पूर्व आईएलएस लग जायेगा। जिससे विदेशी चार्टर विमान उतरने लगेंगे। किंतु इसके लगने में अभी छह माह की देरी है। दरअसल भारत विमानपत्तन प्राधिकरण की

आईएलएस के लिए चार करोड़ की निविदा छह माह पूर्व सम्पन्न हो चुकी है। चयनित कंपनी रूस की एनपीओआरटीएस–734 को वर्क ऑर्डर भी हो चुका है। आईएलएस के इक्यूपमेंट रूस से आने है। जिसके बाद इसे इंस्टाल करने में तीन माह का समय लगेगा। यानी छह माह बाद ही एयरपोर्ट आईएलएस सुविधा से लैस हो पायेगा। ऐसे में चार्टर विमान ही नहीं व्यावसायिक अंतर्राष्ट्रीय उड़ान का मामला भी आगे बढ़ गया है।

दिसम्बर तक लग जायेगा डीबीओआर: एयरपोर्ट पर (डीबीओआर डाप्लर वेरी ओमनी रेंज) लगाने का कार्य चल रहा है। विमानों को दूरी, दिशा, डिग्री,डायरेक्शन,लोकेशन बताने वाले इस सिस्टम के दिसम्बर तक कार्य करना शुरू करने की बात कही जा रही है। डीबीओआर और आईएलएस लग जाने के बाद किसी भी समय प्रतिकूल मौसम में भी विमान उतर सकेंगे। घरेलू उड़ान की संख्या का बढ़ना व अंतर्राष्ट्रीय उड़ान का शुरू होना दोनों सिस्टम के लगने पर निर्भर हो गया है। इस संबंध में

एयरपोर्ट निदेशक आर पी लंका ने बताया कि एयरपोर्ट पर कैट–1श्रेणी का आईएलएस लगाने के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रूस की कम्पनी को निविदा मिली है। दो माह के भीतर इक्यूपमेंट आ जायेगा। उसके बाद चार माह इंस्टाल और जांच में लगेंगे। डीबीओआर का सिविल वर्क पूरा हो गया है। इक्यूपमेंट आ गया है। दिसम्बर तक कार्य पूरा हो जाएगा।

यूपीएसएसएफ के हवाले हुई सुरक्षा: कुशीनगर एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था अब उप्र विशेष सुरक्षा बल के हवाले हो गई है। सुरक्षा में तैनात जिला पुलिस के एसआई व कांस्टेबल को हटा लिया गया है। वाहन व अत्याधुनिक हथियार से लैस 40 जवानों का दस्ता सुरक्षा का जिम्मा सम्भाल रहा है।

गोपाल/बृजनंदन

error: Content is protected !!