काबुल में फिर से हो सकता है कार बम से हमला, अमेरिका ने जारी किया अलर्ट

काबुल| एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए दो आत्मघाती बम धमाकों के बाद अमेरिका ने शुक्रवार को नया अलर्ट जारी किया है। अमेरिका ने आशंका जाहिर की है कि आतंकी कार बम से जल्द ही एक और धमाका कर सकते हैं। अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर काम बम से ब्लास्ट किया जा सकता है। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के बाद अमेरिका ने काबुल में अपने सैनिकों व नागरिकों को अलर्ट कर दिया है। 

वहीं गुरुवार को अफगानिस्तान का काबुल दो बम धमाकों से दहल गया था। काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले में 72 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 143 लोग घायल हुए। पेंटागन के सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है और 18 घायल हुए हैं। काबुल धमाके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि जिसने भी इसे अंजाम दिया है उसे हम माफ नहीं करेंगे न ही इसे भूलेंगे। शुरुआत से ही इन बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) का हाथ होने की बात सामने आ रही थी और देर रात उसने इसकी जिम्मेदारी भी ले ली थी। 

 
जानिए हर अपडेट- 
आईएस-तालिबान लिंक के हमारे पास सबूत- सालेह
काबुल पर हुए दो आत्मघाती धमाकों के एक दिन बाद अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का बयान आया है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की जड़ आईएस जैसा आतंकी संगठन ही है। तालिबान भले ही आईएस से गठजोड़ पर का इंकार करता रहे, लेकिन हमारे पास इसके सारे सबूत हैं। तालिबान ठीक वैसे ही आईएसआईएस से संबंध होने का इंकार कर रहा है, जैसे पाकिस्तान क्वेटा शूरा पर करता रहा है।  

30 अगस्त की शाम तक झुका रहेगा अमेरिकी ध्वज 
काबुल में हुए बम धमाके में 12 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई है, वहीं 18 से अधिक घायल हैं। व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार इन शहीदों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी झंडा झुका रहेगा। 

बाइडन बोले- हम माफ नहीं करेंगे 
काबुल धमाके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दिया बयान। कहा- हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम तुम्हें (आतंकी) ढूंढेंगे और इसका हिसाब लेंगे। बाइडन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को निकालेंगे। हम अपने साथियों को यहां से निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।

ब्लिंकेन ने शहीद सैनिकों को किया याद 
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अमेरिकी सैनिकों के प्रति संवेदन जताते हुए कहा कि हम उन 2300 सैनिकों को याद करते हैं जो 2001 से अब तक अफगानिस्तान में शहीद हुए हैं। साथ ही 20 हजार से अधिक घायल सैनिकों, अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध में हिस्सा लेने वाले 8 लाख से अधिक सैनिकों व दूसरे युद्धों में शहीद या घायल हुए सैनिकों को भी याद करते हैं। 

ट्र्ंप बोले, धमाके की घटना बेहद दुखद 
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल धमाके पर कहा कि इस तरह की दुखद घटना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए थी। बता दें कि ट्रंप के शासनकाल में ही अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में समझौता हुआ था। 

आईएस ने ली जिम्मेदारी 
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट ने काबुल एयरपोर्ट धमाके की जिम्मेदारी ली। आतंकी संगठन ने अपने टेलीग्राम अकाउंट पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इसी बीच काबुल में एक और धमाके की आवाज आई है। 

12 अमेरिकी सैनिकों की मौत
पेंटागन जनरल ने बताया कि काबुल एयरपोर्ट धमाके में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई है। यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर फ्रैंक मैकेंजी ने बताया कि हमले में 18 अमेरिकी जवान घायल भी हुए हैं। वहीं, अफगानिस्तान मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि धमाके में 60 से अधिक की मौत हुई है और करीब 140 लोग घायल हुए हैं। 

अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले- पूरा करेंगे टास्क
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे ऑस्टिन ने कहा- मैं काबुल धमाके में मारे गए लोगों के प्रति शोक प्रकट करता हूं। इस घटना के बावजूद हमने अपने हाथों में जिस काम को लिया है, उसे पूरा करेंगे। 

अमेरिकी दूतावास ने जारी किया अलर्ट 
काबुल में अमेरिकी दूतावास ने एक बार फिर अपने नागरिकों को अलर्ट जारी किया है। दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट की तरफ यात्रा न करने की सलाह दी है। हामिद करजई एयरपोर्ट के बाहर हुए दो धमाकों के बाद ये अलर्ट जारी किया है। आज सुबह भी दूतावास ने इसी तरह का अलर्ट जारी किया था। 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने की निंदा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बम धमाके पर बयान जारी करते हुए इसकी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम काबुल में धमाकों की निंदा करते हैं। हम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। ये धमाका बताता है कि हमें आतंकवाद और इसे पोषित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। 

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