कानपुर \ जिला अस्पताल उर्सला में स्ट्रेचर के लिए भटक रहे मरीज

– माता-पिता के कंधों के सहारे अस्पताल पहुंचा घायल बेटा

कानपुर (हि.स.)। शासन के लाख निर्देशों के बावजूद जिला अस्पताल उर्सला का सिस्टम सुधरने का नाम नहीं ले रहा है और घायल मरीजों को स्ट्रेचर तक नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मंगलवार को एक घायल बेटा अपने माता-पिता के कंधों के सहारे अस्पताल में डाक्टर तक पहुंचने को मजबूर हो गया।

जिला अस्पताल उर्सला में इन दिनों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। दवा के लिए जहां जेब ढीली कर बाहर मेडिकल स्टोरों पर जाने को मजबूर होना पड़ रहा है तो वहीं अस्पताल में उन्हे स्ट्रेचर भी नहीं उपलब्ध हो पा रही है। खासकर वह मरीज अधिकतर परेशान होते हैं जो घायल अवस्था में अस्पताल आते हैं। ऐसा ही मामला मंगलवार को उस समय देखा गया जब एक घायल मरीज अपने माता-पिता के कंधों के सहारे ओपीडी तक जाने को मजबूर हुआ। घायल मरीज के माता-पिता काफी देर तक स्ट्रेचर का इंतजार करते रहें, पर उन्हे स्ट्रेचर नहीं मिला। बाबूपुरवा निवासी घायल मरीज अजय ने बताया कि पैर में फ्रैक्चर हो गया है और चल नहीं पाता। अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ की ओपीडी मुख्य द्वार से काफी अंदर पड़ती है। माता-पिता ने काफी देर तक स्ट्रेचर के लिए इंतजार किया पर स्ट्रेचर नहीं मिला। ऐसे माता-पिता के कंधों के सहारे ओपीडी जाना पड़ रहा है। यही नहीं कोरोना काल के चलते ओपीडी में बैठने तक की सुविधा नहीं है।

मरीजों को मुहैया करवाए जा रहे हैं स्ट्रेचर

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अनिल निगम ने बताया कि अस्पताल में स्ट्रेचर पर्याप्त मात्रा में हैं। हो सकता है कि उस दौरान कोई कर्मचारी ध्यान न दे पाया हो, या मरीज के परिजन काउंटर तक न पहुंच पाये हों। फिर भी मामले को दिखवाया जाएगा और स्ट्रेचरों की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मियों को हिदायत भी दी जाएगी।

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