कानपुर : चाचा-चाची के कहने पर भतीजे ने साथी के साथ मिलकर निकाला था मासूम का कलेजा

– अंधविश्वास में कलेजा खाने वाले पति-पत्नी समेत तीन और आरोपियों को किया गया गिरफ्तार 

– घाटमपुर में मासूम की हत्या में अंधविश्वास की थ्योरी, संतान प्राप्ति के लिए कर दिया गया बच्ची की जघन्य हत्या 
– प्रकरण में कुल पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल 

कानपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के कानपुर में थाना घाटमपुर अंतर्गत भदरस गांव में बीती रविवार की सुबह छह वर्षीय बच्ची की हत्या का दिल दहला देने वाली घटना प्रकाश में आई थी। घटना के बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई थी तो वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। प्रकरण के चलते घटना का खुलासा पुलिस ने कर दिया है लेकिन जो घटना क्या सच सामने आया है, उसे सुनने के बाद रूह कांप जाएगी। 21 साल से संतान न होने पर चाचा-चाची के कहने पर भतीजे ने साथी के साथ मासूम के साथ हैवानियत के बाद हत्या की और फिर अंधविश्वास में पेट फाड़ कर कलेजा/लीवर निकाला लिया। इसके बाद चाचा-चाची ने कलेजा खाया ताकि संतान की प्राप्ति हो सके। 
जानकारी के अनुसार, बीते रविवार को मासूम बच्ची श्रेया (6) का क्षत-विक्षत शव मिलने से सनसनी फैला गई थी। पुलिस घटना में कड़ी से कड़ी जोड़कर क्षेत्रीय लोगों से जानकारी एकत्र कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि गांव के ही अंकुल और बीरन बच्ची को ले गए थे जिस पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद घटना से जुड़े और साक्ष्य जुटाने के लिए उनसे कड़ाई से पूछताछ करने लगे। पहले तो दोनों युवक पुलिस को गुमराह करते रहे और आखरी में टूट गए और पुलिस के सामने सच तो बोल दिया। दोनों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि चाचा परशुराम ने दोनों को बुलाकर बताया कि उसने एक किताब में पढ़ा है कि अगर किसी बच्ची का कलेजा व लीवर वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाएं तो संतान की प्राप्ति होगी। जिसके लिए परशुराम ने अपने भतीजे अंकुल को कुछ पैसे दिए। अंकुल ने पहले अपने दोस्त बीरन के साथ शराब पी और फिर पड़ोस में ही रहने वाली मासूम बच्ची हो पटाखा दिलाने के बहाने घर से ले गया। 
फिर चाचा परशुराम के कहे अनुसार, जंगल में पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। बाद में पेट फाड़कर अंदर से सारे अंग निकाल लिए और चाचा परशुराम को ले जाकर दे दिए। अंकुल ने बतायाा कि चाचा परशुराम ने चाची के साथ मिलकर बच्ची का कलेजा/लीवर खाया और बाकी अंग कुत्तेे को खिलाया फिर पॉलिथीन में बांध कर फेंक दिए। अंकुल ने बताया कि चाचा ने इस काम के लिए उसको 500 और उसके साथी वीरन कुरील 1,000 रुपये देकर तैयार किया था। 
घटना का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि उसी गांव में रहने वाले परशुराम की शादी 1999 में हुई थी, लेकिन उसकी पत्नी सुनैना व उसे 21 साल बीत जाने के बाद भी संतान नहीं हुई थी। संतान की चाहत में उसने अपने भतीजे अंकुल को बच्ची का कलेजा लाने के लिए तैयार किया, जिसमें उसके भतीजे ने अपने साथी वीरन कुरील का सहयोग लिया था। इस काम के लिए परशुराम ने दोनों को कुछ पैसे भी दिए थे, जिसके चलते दोनों ने पूरी घटना को अंजाम दिया है। अंकुल के बयान व घटना की पूरी जानकारी पर परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना के साथ एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ने गहनता से पूछताछ में अंधविश्वास में किया गया जुर्म कबूल कर लिया है और सभी का मेडिकल कराते हुए आज जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है। 

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