कल्याण सिंह ने खत्म किया था दस्यु खंगार गैंग का आतंक

 -सामूहिक नरसंहार के बाद 15 दिन में चुन-चुनकर मारे गए थे डकैत

-लापरवाही के आरोप में तत्कालीन एसपी समेत कई अफसरों पर गिरी थी गाज

हमीरपुर (हि.स.)। कल्याण सिंह के शासनकाल में बुन्देलखंड क्षेत्र में कई दस्युओं पर बड़ी कार्रवाई हुई थी । इस बीच हमीरपुर में दस्यु बलराम खंगार गैंग ने आठ लोगों की सामूहिक हत्या कर शवों को खेत में खुदी नालियों में दफना दिया था तो पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी।

इस घटना में कल्याण सिंह ने न सिर्फ तत्कालीन एक आईपीएस अधिकारी को सस्पेंड किया था बल्कि कई अफसरों पर कार्रवाई की थी। सामूहिक नरसंहार को अंजाम देने वाले पूरे गैंग का पन्द्रह दिन में ही सफाया कर दिया गया था। उनके निधन से कई गांवों में शोक की लहर है।

हमीरपुर जिले में वर्ष 1997 में दस्यु बलराम गैंग अपराध जगत में तब सुर्खियों में आया जब उसने कुरारा क्षेत्र के भौली गांव के पास रात में आठ लोगों की हत्या कर शवों को खेत में खुदी पड़ी नालियों में दफन कर दिया था। उस समय प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार थी। उनके निर्देश पर राजनाथ सिंह और तत्कालीन डीजीपी श्रीराम अरुण घटनास्थल आए थे।

घटनास्थल पर ही पुलिस अफसरों को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। इस घटना में तत्कालीन एसपी सुरेश चन्द्र घूसिया को सस्पेंड कर दिया गया था। थाने स्तर के अधिकारी और सिपाहियों पर भी कार्रवाई हुई थी। दस्यु बलराम गैंग पर सरकार ने करीब पचास हजार रुपये का इनाम भी रखा था।

तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह ने दुस्यु बलराम गैंग के सफाए के लिए आशुतोष पाण्डेय को हमीरपुर भेजा था। सामूहिक नरसंहार के 15 दिनों के अंदर ही मुस्करा क्षेत्र के खड़ेहीजार गांव के पास दस्यु बलराम खंगार गैंग की घेराबंदी की गई थी। कुछ घंटे तक चली मुठभेड़ में गैंग लीडर सहित आठ बदमाश पुलिस की गोलियों से ढेर हो गए थे। दो अपहृत महिलाएं भी मारी गई थीं।

इस घटना के बाद कुरारा और मुस्करा क्षेत्र के गांवों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता सरस्वती शरण ने बताया कि कल्याण सिंह की सरकार में अपराधी थर-थर कांपते थे। कहीं कोई अपराध हो जाए तो उस पर तुरंत वह एक्शन भी लेते थे। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एलके सिंह दादा ने कहा कि कल्याण सिंह ने यदि कोई फैसला लिया तो उसे वह पूरी जरूर करते थे। उन्होंने बताया कि बुन्देलखंड क्षेत्र में अपराधी इलाका छोड़ गए थे।

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