कटान से नदी में समा गई धान की रोपाई कर रही किशोरी

संवाददाता

बलरामपुर। जिले में कोतवाली नगर क्षेत्र के सेखुइया टेढ़वा तप्पाबांक गांव में रविवार को एक बीघा खेत कटकर राप्ती नदी में समा गया। खेत में धान की रोपाई कर रही किशोरी नदी की तेज धारा में बह गई। किशोरी को ढूंढने के लिए स्थानीय गोताखोरों की मदद ली जा रही है। जानकारी के अनुसार, सेखुईया टेढ़वा तप्पाबांक व राप्ती नदी के बीच बमुश्किल 70 मीटर का फासला बचा है। लगभग 40 हेक्टेयर खेत नदी में कटकर समाहित हो चुका है। गांव के अधिकांश किसानों का खेत नदी किनारे है। रविवार को गांव निवासी छोटे के नदी किनारे स्थित गांव में धान रोपाई चल रही थी। बताया जाता है कि छोटे की 15 वर्षीय पुत्री पिंकी खेत में अकेली थी। अन्य सदस्य भोजन के लिए घर चले आए थे। अचानक छोटे के लगभग एक बीघा खेत की मिट्टी कटकर नदी में बह गई। धान रोपाई में लगी पिंकी भी मिट्टी के साथ नदी में गिर गई। आसपास खेत में काम कर रहे लोगों ने पिंकी को नदी में बहता देखकर शोर मचाया। सूचना पाकर सैकड़ों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए। उतरौला एसडीएम अरुण कुमार गौड़, सीओ मनोज कुमार व चौकी प्रभारी शशिभूषण आदि ने घटनास्थल का जायजा लिया। ग्राम प्रधान गुड्डू ने एसडीएम को बताया कि नदी कटान के कारण कई दर्जन किसान भूमि हो चुके हैं। प्रार्थना पत्र देने के बावजूद आज तक कटान को रोकने का कोई प्रबंध नहीं किया गया। सीओ ने बताया कि किशोरी की तलाश कराई जा रही है।

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