कंगना के मुंबई पहुंचने पर विरोधियों व समर्थकों में नारेबाजी

राज्य डेस्क

मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद शुरू हुआ विवाद अब उस स्थिति में पहुंच गया है, जहां महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना और एक्ट्रेस कंगना रनौत आमने-सामने हैं। कंगना कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार दोपहर मुंबई पहुंचीं, जहां पर उनके समर्थन और विरोध में नारेबाजी हुई। कंगना के एयरपोर्ट पहुंचने पर लोगों ने ’पाकिस्तान चली जाओ’ के नारे लगाए।
कंगना रनौत और शिवसेना के बीच तकरार तब ज्यादा बढ़ गया था, जब एक्ट्रेस ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से कर दी थी। इसके बाद, शिवसेना नेता संजय राउत समेत कई नेताओं ने उनके बयान पर निशाना साधा था। कंगना के मुंबई एयरपोर्ट पहुंचने के समय वहां विरोध में शिवसेना के कार्यकर्ता मौजूद थे। शिवसैनिकों के हाथों में काले झंडे थे तो कई कार्यकर्ताओं ने कंगना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, दूसरी ओर एक्ट्रेस का समर्थन करने के लिए एयरपोर्ट पर करणी सेना मौजूद थी। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने कंगना रनौत के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान दोनों कार्यकर्ताओं का आमना-सामना भी हुआ। मुंबई एयरपोर्ट पर कंगना के पहुंचने के बाद कड़ी सुरक्षा में उन्हें मुख्य द्वार के अलावा, अन्य किसी रास्ते से बाहर निकाला गया। इस दौरान, वाई प्लस सुरक्षा मिलने की वजह से कंगना के इर्द-गिर्द कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया था। कंगना मुंबई के लिए उड़ान भरने के लिए अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से बुधवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचीं थीं और महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह उनकी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
चंडीगढ़ एयरपोर्ट से उड़ान भरने से पहले कंगना ने ट्वीट किया था कि मैं जब चंडीगढ़ हवाईअड्डे से मुंबई जाने की तैयारी में हूं, तभी महाराष्ट्र सरकार और उनके गुंडे गैरकानूनी तरीके से मेरी सम्पत्ति तोड़ने पहुंच गए, ठीक है आगे बढ़िए। मैंने महाराष्ट्र के गौरव के लिए रक्त तक देने का वादा किया है। यह तो कुछ भी नहीं है, सब कुछ ले लें, लेकिन मेरी हिम्मत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जाएगी। वहीं, कंगना ने एक अन्य ट्वीट में उनके बंगले के बाहर मौजूद महानगरपालिका कर्मियों की तस्वीरें साझा कीं और लिखा, ’बाबर और उसकी सेना।’ उन्होंने लिखा, ’मैं कभी गलत नहीं थी और मेरे दुश्मनों ने यह बार-बार साबित किया है और इसलिए ही मुम्बई अब पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) है।’ कंगना को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से वाई-प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई है और 10 सशस्त्र कमांडों उनकी सुरक्षा करेंगे।

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