एलजेपी : नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है

पटना बिहार में भारतीय जनता पार्टी के दोनों सहयोगी दलों जनता दल (एकी)और लोक जनशक्ति पार्टी के बीच अब आर-पार की लड़ाई शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी बिहार की नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है. इस वक्त बिहार विधानसभा में एलजेपी के 2 विधायक हैं. एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान आज शाम पटना पहुंचे हैं. कल पार्टी दफ्तर में झंडोत्तोलन करने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उन्होंने आपात बैठक बुलाई है.एलजेपी सूत्रों के मुताबिक, सुबह 10 बजे इस बैठक में राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात और जेडीयू के साथ रिश्तों पर चर्चा की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी बिहार सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकती है. ये अलग बात है कि 2 विधायकों वाली एलजेपी के समर्थन वापसी से इस वक्त कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वह भी तब जबकि विधानसभा चुनाव में महज दो से तीन महीने ही रह गए हैं. लेकिन, एलजेपी अगर ऐसा कदम उठाती है तो इससे एनडीए के भीतर की लड़ाई खुलकर सतह पर आ जाएगी.पटना जाने से पहले एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कल देर शाम दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. बिहार में जेडीयू और एलजेपी के बीच एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी के बीच इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कल जेपी नड्डा के साथ मुलाकात में चिराग पासवान ने जेडीयू सांसद ललन सिंह की शिकायत की थी. एलजेपी जेडीयू सांसद के बयान को प्रधानमंत्री का अपमान बता रही है. एलजेपी सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के ट्वीट को एलजेपी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से रीट्वीट किया गया था, न कि चिराग पासवान ने ट्वीट किया था. बावजूद इसके जेडीयू सांसद ललन सिंह ने चिराग पासवान पर हमला बोल ललन सिंह की तरफ से चिराग पासवान को कालिदास बताया जाना एलजेपी को नागवार गुजरा है. पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों से लेकर सभी पदाधिकारियों की तरफ से इस बयान का खुलकर विरोध किया जा रहा है. एलजेपी सूत्रों का कहना है कि ललन सिंह ने प्रधानमंत्री का अपमान किया है, जिसे वो बर्दाश्त नहीं करेगी.

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