एलओसी से लापता जवान का पार्थिव शरीर आठ माह बाद मिला

– हिमस्खलन के दौरान पाकिस्तान के बॉर्डर की तरफ बर्फ में दब गया था जवान 

– सात माह तक न मिलने पर सेना ने पिछले महीने घोषित किया था शहीद 

– स्वतंत्रता दिवस पर गुलमर्ग में मिला था शव, 18 को लाया जाएगा दून

– उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा- सरकार परिवार के साथ

देहरादून। इस वर्ष जनवरी माह में हिमस्खलन के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा पर लापता हुए 11 गढ़वाल राइफल्स के जवान राजेन्द्र सिंह नेगी की पार्थिव देह 15 अगस्त को श्रीनगर के गुलमर्ग में बर्फ के नीचे दबी मिल गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नेगी के बलिदान को नमन करते हुए कहा, “शोक संतप्त परिवारजनों को भरोसा देता हूं कि सरकार उनके साथ हमेशा खड़ी है। जय हिंद, ॐ शांति।।”

देहरादून निवासी शहीद राजेन्द्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के गुलमर्ग इलाके से बरामद हुआ है। फिलहाल उनके पार्थिव शरीर का जम्मू में सेना के बेस अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में दो दिन का समय लगने की संभावना है। उनका पार्थिव शरीर दो दिन बाद यानी 18 अगस्त को देहरादून लाया जाएगा। जवान का पार्थिव शरीर मिलने की सूचना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिवार के लोग बेसब्री से पार्थिव शरीर आने का इंतजार कर रहे हैं। 
शहीद राजेन्द्र सिंह नेगी 11 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। आठ जनवरी, 2020 को गुलमर्ग में डयूटी के दौरान वे बर्फीले तूफान के कारण फिसलकर पाकिस्तान के बॉर्डर की तरफ गिर गए थे। काफी खोजबीन के बाद भी उनका शव नहीं मिल पाया था। उसके बाद सेना ने उन्हें पिछले महीने शहीद घोषित कर दिया था। हालांकि सैन्य जवानों और बचाव दल ने बर्फ में लापता हुए जवान की कई दिनों तक तलाश की थी, लेकिन उस समय कुछ पता नहीं चल पाया था। इस बाबत उनके घर में चिट्ठी भी भेज दी गई थी। सेना द्वारा शहीद घोषित करने के बाद भी हवलदार राजेंद्र सिंह की पत्नी राजेश्वरी और उनके परिजनों का कहना था कि जवान नियंत्रण रेखा पर तैनात था, इसलिए हो सकता है कि हिमस्खलन की चपेट में आकर वह सीमा पार पाकिस्तान की तरफ चला गया हो।
शहीद जवान राजेन्द्र सिंह नेगी की पत्नी राजेश्वरी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना प्रमुख को पत्र लिख कर पाकिस्तान से संपर्क करने की मांग भी की थी। इसी दौरान शनिवार को आठ महीने बाद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर बरामद होने पर सभी आशंकाओं पर विराम लग गया। कश्मीर में इन दिनों तापमान बढ़ने से बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है। नतीजतन, बर्फ में दबे जवान का पार्थिव शरीर बर्फ से ऊपर आ गया। सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जवान के पार्थिव शरीर को उनकी बटालियन के हवाले कर दिया जाएगा। जहां से पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर 18 अगस्त को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बारे में जानकारी साझा करते हुए ट्वीट किया, “इस वर्ष जनवरी माह में हिमस्खलन के कारण लापता हुए 11 गढ़वाल राइफल्स के शहीद जवान राजेन्द्र सिंह नेगी जी की पार्थिव देह मिल गई है। मैं नेगी जी के बलिदान के लिए उनको नमन करता हूं और शोक संतप्त परिवारजनों को भरोसा देता हूं कि सरकार उनके साथ हमेशा खड़ी है। जय हिंद। ॐ शांति।।”

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